प्रधानमंत्री मोदी जी ने एक भी बैठक बिहार के विकास पर किया है, प्रशांत किशोर

जन सुराज पदयात्रा के 103वें दिन की शुरुआत मधुमालत पंचायत स्थित राम जानकी मंदिर में सर्वधर्म प्रार्थना से हुई। इसके बाद प्रशांत किशोर सैकड़ों पदयात्रियों के साथ माधोपुर मधुमालत से पदयात्रा के लिए निकले। आज जन सुराज पदयात्रा पूर्वी चंपारण के तुरकौलिया मध्य, मथुरापुर, बड़हरवाकला पूर्वी, बड़हरवाकला पश्चिम, कररिया होते हुए संग्रामपुर प्रखंड के मधुबनी पूर्वी पंचायत के निर्मला पांडे हाई स्कूल में रात्री विश्राम के लिए पहुंची। प्रशांत अबतक पदयात्रा के माध्यम से लगभग 1240 किमी से अधिक पैदल चल चुके हैं। इसमें 550 किमी से अधिक पश्चिम चंपारण में पदयात्रा हुई और शिवहर में उन्होंने 140 किमी से अधिक की पदयात्रा की। पूर्वी चंपारण में अबतक 540 किमी से अधिक पैदल चल चुके हैं। दिन भर की पदयात्रा के दौरान प्रशांत किशोर 5 आमसभाओं को संबोधित किया और 7 पंचायत, 16 गांव से गुजरते हुए 17.5 किमी की पदयात्रा तय की। इसके साथ ही प्रशांत किशोर स्थानीय लोगों के साथ संवाद स्थापित किया।
जन सुराज पदयात्रा के दौरान कोटवा में मीडिया से संवाद करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि भ्रस्टाचार, बेरोजगारी, शिक्षा, अस्पताल ये सब पेड़ की टहनी है, समस्या जड़ में है, जिसे आप और हम समझ नहीं पा रहे हैं। बिहार के जो मतदाता हैं, वो अपनी समस्याओं और अपने बच्चों के भविष्य को देखते हुए वोट नहीं कर रहे हैं। वो वोट कर रहे है जाती और धर्म के नाम पर, अगर लोगों ने वोट पाकिस्तान-पुलवामा के नाम पर किया है तो आपके गांव में सड़क कहां से बनेगी  भारत-पाकिस्तान पर जो आप दिनभर टीवी चैनल पर देखते हैं उससे समाज में सुधार और विकास कैसे हो सकता है? लोकतंत्र में जनता जिस आधार पर वोट करेगी परिणाम भी उनके वोट के आधार पर ही मिलेंगे। क्या आप मुझे बता सकते है की प्रधानमंत्री मोदी जी ने आज तक बिहार के विकास पर एक भी बैठक की है? जैसा वोट कीजिएगा परिणाम भी आपको वैसे ही मिलेंगे, यही बिहार की जनता को बताने के लिए बिहार के गांव में पैदल घूम रहे हैं और लोगों को समझा रहे हैं।

जन सुराज पदयात्रा के दौरान मथुरापुर पंचायत में आम सभा को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि आज बिहार की जनता जो टीवी, मोबाइल चला रही है, वो उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के फैक्ट्रियों में बन रहा है। बिहार में क्या कोई फैक्ट्री लग रही है? हां, बिहार में हम लड़का पैदा कर जवान कर रहे हैं, फिर उसे देश के अन्य राज्यों में मजदूरी करने भेज दे रहे हैं। हम बिहार में सिर्फ मजदूर बना रहे हैं। उन्होंने आगे कहा, “मैं आपको बता रहा हूं कि बिहार में फैक्ट्री क्यों नहीं लग रहा है। आप सोचिए कि बिहार में अगर फैक्ट्री लगा गया तो 12 हजार में 1 करोड़ मजदूर पूरे देश को कौन सा राज्य देगा? तमिलनाडु, पंजाब में खेत काटने कौन जाएगा? जिस कोरोना में बिहार के लड़को को मार के भगा दिया गया उसे आज बस भेज कर वापस बुला रहे हैं क्योंकि उन्हें पता है बिहार से सस्ता मजदूर और कहां मिलेगा? आज बिहार के लड़के 12 हज़ार में 14 घंटे से भी अधिक अपना हाड़-मांस गला रहे हैं, इसे बदलना होगा।”

Loading

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *