जीबीएम कॉलेज में ‘हिन्दी दिवस पर कविता पाठ का आयोजन।

धीरज गुप्ता की रिपोर्ट।
गया:- गौतम बुद्ध महिला महाविद्यालय में हिन्दी दिवस के सुअवसर पर हिन्दी विभाग की ओर से प्रधानाचार्य प्रो (डॉ) जावैद अशरफ़ की अध्यक्षता तथा हिन्दी विभाग के सहायक प्राध्यापक प्यारे माँझी के संयोजन में हिन्दी दिवस समारोह का भव्य आयोजन किया गया है। विषय प्रवेश करते हुए  माँझी ने ‘हिन्दी की वर्तमान स्थिति एवं संभावनाएँ’ पर अपने विचार रखे हैं। उन्होंने प्रतिवर्ष ‘हिन्दी दिवस’ मनाये जाने के औचित्य पर प्रकाश डाला तथा भाषाओं के प्रति भी सह-अस्तित्व का भाव रखने की बात कही है। तत्पश्चात छात्रा नीलम, पूनम, प्रियंवदा, श्रुति, मुस्कान, कहकशा, दिव्या, एकता, रिया, काजल, आकृति, दीपिका, दीप्ति, वैष्णवी, मोनिका, नंदनी आदि ने सस्वर कविताएँ पढ़ीं तथा निर्दिष्ट विषय पर अपने विचार रखे हैं। अपने अध्यक्षीय संबोधन में प्रधानाचार्य प्रो. अशरफ़ ने हिन्दी भाषा के महत्व पर छात्राओं द्वारा प्रस्तुत भाव तथा विचारों की प्रशंसा करते हुए कहा कि हमें हिन्दी भाषा के साथ संस्कृत, उर्दू तथा अंग्रेजी भाषाएँ भी सीखनी चाहिए। हिन्दी में वाचन तथा लेखन के समय वर्तनी की शुद्धता का यथासंभव ध्यान रखना चाहिए। उन्होंने सीमित संसाधनों में भी इतने अच्छे कार्यक्रम के संयोजन हेतु श्री माँझी और समस्त महाविद्यालय परिवार को शुभकामनाएँ दीं है। अंग्रेजी विभागाध्यक्ष प्रो. उषा राय ने हिन्दी को माँ की तरह ही प्रिय, सुगम तथा सरल बताया है। धन्यवाद ज्ञापन अंग्रेजी विभाग की सहायक प्राध्यापिका डॉ. कुमारी रश्मि प्रियदर्शनी ने किया है।

डॉ. रश्मि ने महाविद्यालय में आयोजित किए जाने वाले सभी कार्यक्रमों के पीछे प्रधानाचार्य प्रो. अशरफ़ के उत्साहवर्द्धक मार्गदर्शन के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की है।  छात्राओं से कहा कि हिन्दी की प्रशंसा करने के लिए अंग्रेजी की निंदा करना बिल्कुल भी ठीक नहीं है। हिन्दी की दुर्दशा के लिए दूसरी भाषाओं को दोष देना पूर्णतया असंगत, अन्यायपूर्ण तथा अनुचित है। हमें उन कारणों पर विचार करने की आवश्यकता है, जिनकी वजह से अपने ही देश में हिन्दी अपमान तथा उपेक्षा का शिकार होती जा रही है। उन सभी कारणों का निवारण करने की ज़रूरत है। हिन्दी दिवस समारोह में प्रो. किश्वर जहाँ बेगम, डॉ. नूतन कुमारी, प्रो अफ्शाँ सुरैया, डॉ. प्रियंका कुमारी, डॉ फरहीन वजीरी, डॉ नगमा शादाब, डॉ पूजा राय, डॉ अनामिका कुमारी, डॉ शिल्पी बनर्जी, कृति सिंह आनंद आदि  की भी उपस्थिति रही है।

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