महारानी राजमाता देवी अहिल्याबाई होलकर जयंती समारोह।

धीरज गुप्ता की रिपोर्ट
गया:-  मंगलवार को अनन्य शिव भक्त त्याग धर्म और परमार्थ की प्रतिमूर्ति विख्यात मालवा साम्राज्य इंदौर की महारानी राजमाता देवी अहिल्याबाई होलकर जयंती समारोह  मंगलागौरी रोड स्थित सिजुआर भवन में धूमधाम से मनाई गईहै। महारानी अहिल्याबाई होल्कर विचार मंच द्वारा आयोजित जयंती समारोह का शुभारंभ बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित मगध प्रमंडल के आयुक्त मयंक बरवडे़, विशिष्ट अतिथि महापौर गणेश पासवान उपमहापौर अखौरी ओंकारनाथ उर्फ मोहन समाजसेवी महिला उषा डालमिया, अध्यक्ष शिव बचन सिंह,सचिव काशीनाथ प्रसाद सिंह, डॉ सच्चिदानंद प्रेमी, डॉ वीरेंद्र कुमार ने संयुक्त रुप से अहिल्याबाई जी के तैल चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर किया। इसके उपरांत से उत्तरादिमठ के विद्यार्थियों ने स्वस्तिवाचन कर कार्यक्रम का औपचारिक रूप से शुभारंभ किया।इसके पूर्व स्थानीय विष्णुपद मंदिर स्थिति संवास सदन समिति कार्यालय में उनके आदम कद की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई।जहां से पूरे बैंड बाजे एवं गाजे-बाजे के साथ एक उत्सव शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा प्रमुख मार्गो से होते हुए कार्यक्रम स्थल पहुंचकर सभा में विसर्जित हो गई। इस बीच स्थानीय चांद चौरा चौक का नया नामा करण अहिल्याबाई होल्कर चौक के नाम पर महापौर गणेश पासवान एवं उपमहापौर मोहन श्रीवास्तव ने साइन बोर्ड लगाकर किया। कार्यक्रम की अगली कड़ी में महारानी अहिल्याबाई होल्कर के जीवनी एवं उनके पराक्रम पर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता में सफल प्रतिभागियों के बीच पुरस्कार वितरण कर बच्चों का हौसला अफजाई किया गया। जिसमें शहर के विभिन्न विद्यालयों के विद्यार्थियों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। मंचासीन मगध प्रमंडल आयुक्त मयंक बरवडे का स्वागत तुलसी का पौधा एवं अंग वस्त्र भेंट कर किया। इस बीच समाज में उल्लेखनीय योगदान देने वाले इनरव्हील क्लब ऑफ गया के अध्यक्ष ऋतु डालमिया एवं तृप्ति गुप्ता को प्रशस्ति पत्र एवं अंग वस्त्र भेंट कर सारस्वत पूर्वक सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर उनके जीवन एवं दर्शन पर एक विचार गोष्ठी आयोजित कर अहिल्याबाई होलकर के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर चर्चा की गई। अपने उद्घाटन संबोधन में आयुक्त मयंक वरवड़े ने कहा कि अहिल्याबाई होल्कर ने अपना पूरा जीवन प्रजा के लिए समर्पित कर दिया उनके द्वारा गया शहर को अमूल्य धरोहर के रूप में विष्णुपद मंदिर का जीवन धार करना शहरवासियों के लिए बड़े ही गौरव की बात है। उन्होंने कहा कि महिला होने के कारण उन्हें मंदिर एवं नगर का निर्माण करने मे विपरीत परिस्थितियों का सामना कर अपने पराक्रम से नारी सशक्तिकरण की मिसाल पेश की। आयुक्त ने कहा कि इनके जयंती के 297 वर्षों के बाद भी उनकी प्रासंगिकता और बढ़ गई है। गया जैसे धार्मिक और पौराणिक महत्व वाले शहर को अहिल्याबाई होलकर में अमूल्य धरोहर के रूप में विष्णुपद मंदिर का निर्माण कराया। आज हम सभी को उनके पद चिन्हों पर चल कर उनके उदात्त विचारों को ग्रहण करने की आवश्यकता है।

मौके पर विभिन्न वक्ताओं ने इनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर चर्चा की। इस अवसर पर गीता दीदी,डॉ सरिता वीरांगना, डॉ रश्मि प्रियदर्शनी,  मणिलाल बारिक, राजू भैया, ऋषिकेश गुर्दा,देवनाथ मेहरवार, गोपाल प्रसाद पटवा, डॉ राम सिहांसन सिंह, राजन सिजवार, डॉ रामकृष्ण,अनंतधीश अमन, पीके मोहन,रवि प्रकाश, रामकुमार बारीक, सीमा सिन्हा सहित बड़ी संख्या में शहर के बुद्धिजीवी वर्ग शिक्षाविद एवं अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।

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