सत प्रतिशत एक सूरदास पेंशन के लिए भटक रहा है। वही सूरदास का कहना है कि सरकार के द्वारा पेंशन तो दी जा रही है लेकिन कर्मी के द्वारा काट कर दिया जा रहा है। उक्त सूरदास को ना ही रहने का जगह है ना ही राशन किरासन के लिए राशन कार्ड। जबकि बिहार सरकार का कहना है कि एक भी गरीब हो या अपंग आदमी एवं नेत्रहीन सभी को एक तरह देखा जाएगा। लेकिन धरातल पर कुछ नहीं मिल रहा है। इसी कड़ी में बेलदौर प्रखंड क्षेत्र के कुर्बान पंचायत के बघरा गांव निवासी विलास सादा के 30 वर्षीय पुत्र राजेश सादा जो जन्म से ही सूरदास है।
उक्त व्यक्ति को सरकार के द्वारा पेंशन तो दिया जा रहा है लेकिन आधा अधूरा। उक्त व्यक्ति बेलदौर थाना पहुंचकर थाना अध्यक्ष से भीख मांगने के लिए पहुंचे, जहां थाना अध्यक्ष नहीं रहने के कारण उक्त व्यक्ति बैरंग वापस लौट गए तो उन्होंने पत्रकार से संपर्क किया तो उन्होंने बताया कि मेरे पास ना ही जमीन है ना ही अपने बच्चे को जीवन गुजर बसर करने के लिए एक धुर जमीन नहीं है।
लेकिन स्थानीय जन वितरण प्रणाली दुकानदार के द्वारा भीख के तौर पर 10 किलो अनाज मिल जाता है। उसी अनाज से अपने बाल बच्चे को जीवन गुजर बसर करते हैं। उक्त सूरदास को 4 बेटा बेटी है जिसमें 2 माह का एक दुध मुहा पुत्री है। उक्त व्यक्ति भीख मांगकर अपने बाल बच्चे का गुजर-बसर करते हैं।
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