राजकमल कुमार की रिपोर्ट।
छात्र अभिभावक ने मध्य विद्यालय विष्णुपुर एचएम के विरुद्ध मंगलवार को मुख्य द्वार पर ताला लगा कर एचएम के विरुद्ध जमकर बरसे। मालूम हो कि उक्त विद्यालय में उक्त एचएम करीब 10 वर्षों से रहकर विद्यालय को गर्त में धकेल दिया। जिसको लेकर दर्जनों छात्र अभिभावक समेत जनप्रतिनिधि मुख्य द्वार पर ताला लगा कर जमकर नारेबाजी की। इसी कड़ी में प्रखंड क्षेत्र के मध्य विद्यालय विष्णुपुर के छात्र अभिभावक जय शंकर सुमन, पृथ्वी चंद सिंह, कल्पना कुमारी, दीपक कुमार, किरण देवी, छोटू कुमार, सीमा देवी, मिथिलेश सिंह, जय कृष्ण सिंह, मीना देवी समेत 1 दर्जन से अधिक छात्र अभिभावक अपने पंचायत के मुखिया सह परामर्श समिति के अध्यक्ष इंद्रदेव यादव एवं पंचायत के सरपंच गजेंद्र पनियार को एचएम के विरुद्ध आवेदन दिया। आवेदन में वर्णित है कि मध्य विद्यालय विष्णुपुर के एचएम शैलेंद्र पंडित के दबंगई व मनमानी से हम छात्र अभिभावक समेत ग्रामीण आघात है। जिसके कारण छात्र अभिभावक समिति ग्रामीण मजबूर होकर मध्य विद्यालय के प्रांगण में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन कर उक्त विद्यालय के एचएम पर जमकर बरसे। वही ग्रामीणों का मांग था कि विद्यालय में कार्यरत एचएम शैलेंद्र पंडित करीब 10 वर्षों से मेरे विद्यालय में पदस्थापित हैं। उनके सेवा काल में विद्यालय को बहुत क्षति हुई है। जिससे आक्रोश होकर परामर्श समिति के माध्यम से उक्त एचएम को हटाने की मांग की है। उक्त स्थल पर परामर्श समिति के अध्यक्ष पहुंच कर छात्र अभिभावक समेत ग्रामीणों से विद्यालय के एचएम के बारे में जानकारी लिए तो ग्रामीणों का एक ही स्वर में कहना था कि यह एचएम का तबादला हो ताकि सुधरी तरीके से बच्चे की पढ़ाई लिखाई हो सके। उक्त बात की जानकारी ग्रामीणों ने प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को मोबाइल के माध्यम से जानकारी दिया।
सूचना पर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी अजय तिवारी ने अपने अधीनस्थ कर्मी बीआरपी रवि शंकर कुमार को उक्त स्थल पर भेज दिए। वही ग्रामीण पदाधिकारी को देखकर कहने लगे कि जब तक मेरे विद्यालय में यह एचएम शैलेंद्र पंडित रहेंगे तब तक मेरे क्षेत्र के बच्चे में विकास नहीं हो सकता है। वही बच्चे के मध्य के छात्रवृत्ति, कोरोना काल में मिलने वाले सूखा राशन बंदरबांट कर दिया है। जिस कारण ग्रामीण उक्त एचएम पर आक्रोश भरा हुआ है। वही उक्त गांव के एक 75 वर्षीय बुजुर्ग प्रभात सिंह ने बताया कि विद्यालय की स्थापना 1972 ईस्वी में हुआ है, तब से विद्यालय सुदृढ तरीके से विद्यालय में पठन-पाठन हो रहा था। जब से वर्तमान एच एम शैलेंद्र पंडित विद्यालय में कार्यरत हुए तो तब से विद्यालय मैं पठन-पाठन क्या होता है यह मुझे पता नहीं। यहां तक कि उक्त विद्यालय में जो भी सरकारी कार्यक्रम होता है तो उक्त कार्यक्रम से हमें वंचित कर दिया जाता है। जबकि मेरा परिवार के सदस्य उक्त विद्यालय में जमीन दान दिए हैं। उनका एक ही मांग है वर्तमान एचएम शैलेंद्र पंडित को उक्त विद्यालय से तबादला हो, तब बच्चे की पठन-पाठन हो सकता है।
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