समस्तीपुर जिले के सीएचसी कल्याणपुर में मरीजों को ओआरएस पाउडर देने की बजाय कचरे के ढेर में फेंक कर अस्पताल कर्मियों के द्वारा आग से जला दी जाती है। जिससे अस्पताल में आने वाले मरीजों को ओआरएस पाउडर उपलब्ध नहीं हो पाती है। ओआरएस पाउडर सरकारी सप्लायर है, जो कई गंभीर बीमारी से लोगों को बचाने में मदद करता है। खासकर ओआरएस का घोल लोगों के लिए गर्मियों में जीवन रक्षक साबित होता है। गर्मी के कारण लोगों को दस्त आना, भूख कम लगने से कुपोषित होने, बुखार, डेंगू, किडनी की प्रॉब्लम, चक्कर आना, कमजोरी लगना, आंखों में पानी कम, जीभ, मुंह सूखना, सूखी त्वचा, ब्लड प्रेशर कम, पेशाब में कमी समेत गर्मी में बुखार के मरीजों के लिए फीवर कम करने में भी कारगर है।
जानकारों का बताना है कि ओआरएस पाउडर में सोडियम और पोटेशियम समेत कई चीजों का मिश्रण है। इसके पीने के 10 मिनट में थकान दूर होती है। और व्यक्ति को तुरंत फुर्ती का अहसास होता है। परंतु कल्याणपुर के सरकारी अस्पतालों में मरीजों को देने के बजाय ओआरय को कचरे में फेंंक कर आग लगा कर जला दी जाती है, जिससे अस्पताल में आने वाले मरीजों को ओआरएस पाउडर उपलब्ध नहीं हो पाता है। परंतु अस्पताल कर्मियों की लापरवाही के कारण अस्पताल परिसर में ही करीब 100 ओआरएस पाउडर कचरे में फेंक कर जला दी गई इस संबंध में सीएचसी प्रभारी डॉ. बी के ठाकुर ने बताया की ओआरएस पाउडर की पैकेट नहीं है, वह खाली डब्बा कचरा हैै जिसे जलाई गई है।
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