आस्था में दिखने लगा रंग, माता की दर्शन में उमड़े लोग।

राजकमल कुमार / खगड़िया ।

दुर्गा पूजा को लेकर मंदिरों में माता के दर्शन के लिए भक्तों की आस्था गुरुवार से दिखने लगी हैं। वही साम होते ही  नवरात्र व्रत कर रहे माता एवं छोटे-छोटे बच्चे तोड़ने के लिए मंदिरों में पूजा अर्चना होने से चहल पहल दिखने लगी है। मंदिर के प्रांगण में रोशनी की व्यवस्था की गयी है बाजार नहीं सजने के कारण मेला परिसर में सन्नाटा पसरा हुआ है । लेकिन कोरोना वायरस को देखते हुए एवं सरकार के दिशा निर्देश पर ना तोरण द्वार बनाया गया ना ही कोई भव्य पंडाल जिसको लेकर भक्तों में काफी मायूसी देखी जा रही है। वही षष्ठी तिथि पर गुरुवार को मां के कात्यायनी रूप की पूजा की जाती ।

वही पंडित के द्वारा मां दुर्गा स्थान से पूजा के लिए गाजे बाजे  एवं शहनाई के साथ  दुर्गा पूजा कमेटी के सदस्य एवं पंडित ने ही बेल के पेड़ के पास जाकर मां की बेल में निमत्रंण देकर पूजा की बताया जाता है। इस पूजा से माता रानी का नेत्र जो सप्तमी के रात्रि में निशांत पूजा में पड़ता है, सप्तमी रहित अष्टमी में मां दुर्गा की निशांत रात्रि में प्राण प्रतिष्ठा की जाती है, धर्म शास्त्रों में कहा गया है कि यह पूजा मां को आने का आमंत्रण देता हैं। वही पंडित यदुनंदन झा  ने बताया कि दोपहर 1 बजे तक बेल में निमंत्रण पूजा अधिक शुभ माना जाता है।

लेकिन इस बार भक्तों का प्रवेश मंदिर में बंद रहेगा, मंदिर कमेटी से जुड़े लोग ही पूजा  विधि-विधान से बंद कमरे में पूजा करेंगे, मां के दर्शन के लिए माता का मुख्य द्वार नहीं खोला जायेगा। माता का दर्शन भक्त लोग बाहर से कर पाएंगे, क्योंकि कोरोना वायरस के चलते पूरे भारतवर्ष में लॉकडाउन लगा हुआ है। मौके पर दुर्गा पूजा अध्यक्ष रंजन राज, कोषा अध्यक्ष विपिन विहंगम, शिक्षक शशि शर्मा, सत्यम कुमार, विनोद राम, साहब शर्मा, मेला मालिक सुशील शर्मा समेत दर्जनों ग्रामीण मौजूद थे।

 

Loading

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *