अधिवक्ता ने राम प्रसाद पूर्वे महिला महाविद्यालय रोसड़ा की प्राचार्या प्रीति प्रभा एवं उनके पिता डॉ. प्रदीप कुमार पूर्वे भूतपूर्व प्राचार्य के द्वारा अभद्र व्यवहार करने को लेकर रोसड़ा थाना में आवेदन दिया ।
रोसड़ा व्यवहार न्यायालय के दया शंकर झा द्वारा रोसड़ा थाना में आवेदन दी गई। आवेदन में उन्होंने वर्णित किया है कि मेरी पुत्री प्राची कुमारी जो राम प्रसाद पूर्वे महिला महाविद्यालय की नियमित छात्रा है और इंटरमीडिएट की वार्षिक परीक्षा 2020 में प्रथम श्रेणी से उतीर्ण हुई हैं ।
साथ ही उन्होंने यह भी लिखा है कि मेरी पुत्री प्राची कुमारी के इंटरमीडिएट के अंकपत्र में किसी और लड़की का फोटो बिहार विद्यालय परीक्षा समिति पटना द्वारा आ गया। जिसका आवेदन आर पी पी एम कॉलेज रोसड़ा के प्राचार्या प्रीति प्रभा के द्वारा अग्रेषित कर के एवं इसका प्रथम श्रेणी कार्यपालक दंडाधिकारी के द्वारा लिया गया शपथ पत्र लेकर बिहार विद्यालय परीक्षा समिति पटना के शाखा दरभंगा गया। लेकिन वहां से यह कहकर लौटा दिया गया कि महाविद्यालय के नामांकन पंजी का छाया प्रति एवं महाविद्यालय के लेटर पैड पर छात्रा प्राची कुमारी का फोटो सत्यापित करा कर लाए उसके पश्चात सुधार किया जाएगा।
जब पुनः विद्यालय के प्राचार्या प्रीति प्रभा को बोले तो वह अपने पिता पूर्व प्राचार्य सह चीफ ट्रस्टी डॉ प्रदीप पूर्वे के पास भेज दी। जब मैंने प्रदीप पूर्वे को जाकर बोला कि नामांकन पंजी का छाया प्रति एवं महाविद्यालय के लेटर पैड पर छात्रा के फोटो को सत्यापित करके बिहार विद्यालय परीक्षा समिति पटना के शाखा दरभंगा द्वारा मांगा गया है तो आग बबूला हो गया।
और बोले की जाओ समिति द्वारा लेटर लेकर आओ मैं आपको नामांकन पंजी की छाया प्रति और महाविद्यालय के लेटर पैड पर छात्रा के फोटो को सत्यापित करके दूंगा।
अधिवक्ता दयाशंकर ने लिखा की प्रदीप पूर्वे के द्वारा अभद्रता की उसी दौरान उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस कानून कोर्ट कचहरी पैसा पर बिकता है। कोई मेरा कुछ नहीं करेगा।
वही प्राचार्य प्रीति प्रभा के द्वारा बताया गया कि मुझसे छात्रा मिली और मैंने छात्रा को समझाया नामांकन पंजी का छाया प्रति बोर्ड के आदेशानुसार ही दिया जाएगा। आपके पास किसी भी प्रकार का बोर्ड द्वारा इस तरह का निर्देश उपलब्ध नहीं है। मैंने आपको पहले ही सारा पेपर फॉरवर्ड करके दे चुका हूं । आप बोर्ड से संपर्क करें बोर्ड जैसा निर्देश देगी उसके अनुसार मैं आपको डॉक्यूमेंट उपलब्ध करवाऊंगी। इतनी बात होने के बाद छात्रा ऑफिस से बाहर चली गई।
ऑफिस से बाहर जाने के बाद छात्रा आपने पिता के साथ डॉ प्रदीप कुमार पूर्वी के ऑफिस में जाकर अपने अभिभावक साथ अपनी समस्या को रखा।
ज्ञात हो कि पूर्व प्राचार्य सह चीफ ट्रस्टी डॉ प्रदीप पूर्वे ने अभिभावकों को समझाया कि आपके आवेदन के पीछे लिखा हुआ तो जरूर है नामांकन पंजी और फोटो सत्यापन लेकिन इससे यह ज्ञात नहीं होता है कि यह बातें बिहार बोर्ड के द्वारा लिखी गई है। आप बिहार बोर्ड ऑफिस के द्वारा आवेदन के पीछे में भी यदि लिखवा कर साइन मोहर करवाकर लाते हैं तो मैं आपको नामांकन पंजी का छाया प्रति उपलब्ध करवा दूंगा। अन्यथा मैं डॉक्यूमेंट उपलब्ध करवाने में असमर्थ हूँ। इतना सुनते ही आवेदक अनाप-शनाप बकना चालू कर दिया और बोला मैं आगे तक जाऊंगा। यदि आप मेरा काम नहीं करते हैं तो आपको इसका बुरा अंजाम भुगतना पड़ेगा। यह कहते हुए आवेदक अपने छात्रा के साथ कॉलेज परिसर से चला गया। प्रीति प्रभाव एवं डॉ प्रदीप कुमार पूर्वे के द्वारा बताया गया की उनपर लगाया गया आरोप निराधार है। जैसा आरोप लगाया गया यह सब बनावटी है।
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