अवैध रूप से मिट्टी की हो रही है खुदाई, ग्रामीणों ने जिला पदाधिकारी को दिया आवेदन।

राजकमल कुमार/ बेलदौर/ रिपोर्टर।
परबत्ता प्रखंड के खजरैठा गांव निवासी पूर्व जिला परिषद सदस्य़ पंकज कुमार राय, राजेश कुमार,विकास कुमार,प्रभाकर कुमार,रवि शेखर ,कृष्ण बल्लव राय आदि ने डीएम को आवेदन देकर अपने कृषि योग्य जमीन में अवैध तरीके से मिट्टी खुदाई कर बेचने का आरोप लगाया है । आवेदक ने अपने आवेदन में  बेलदौर प्रखंड के  कुर्बन पंचायत के सठमा मौजा में स्थित जमीन का जिक्र करते हुए कहा है कि वहां के कुछ स्थानीय लोग इस  जमीन पर जेसीबी एवं ट्रैक्टर के द्वारा अवैध तरीक़े से  मिट्टी को काटकर चिमनी मालिक एवं सड़क निर्माण के संवेदक के हाथों बेच रहे हैं । जिलाधिकारी को दिये आवेदन में कहा गया है कि  लगभग 450 एकड़ उपजाऊ पैतृक जमीन बेलदौर प्रखंड के सठमा मौजा में स्थित है, जहां उनके पूर्वजों के समय से ही  शांतिपूर्वक खेतीबाड़ी करते आ रहे थे ।पिछले लगभग 8-10 वर्षों तक लगातार डुमरी पुल के ध्वस्त होने के कारण हम लोगों का वहां आना जाना कम होने लगा, जिसका फायदा उठाकर वहां के असामाजिक तत्वों के द्वारा यदा-कदा हमारे फसलों को लूटा जाने लगा एवं हम लोगों के वहां जाने पर हमें जान मारने की धमकी दी जाने लगी । विगत कई दिनों से इन कीमती भूखंडों से जेसीबी एवं ट्रैक्टर के द्वारा मिट्टी का अवैध खरीद फरोख्त किया जा रहा है । इसकी शिकायत कई बार मौखिक एवं लिखित रूप से बेलदौर थाना प्रभारी से की लेकिन ठोस कार्रवाई नहीं हो पाई।

वही  खजरैठा के ग्रामीणों की मानें तो  हमारे  पूर्वजों ने अपनी व्यक्तिगत संपत्ति को “सबै भूमि गोपाल की” भावना से जमीन को विभिन्न देवी देवताओं के नाम कर दी और प्रसाद के रूप में खेतीबाड़ी करते रहे, जबकि कभी उक्त जमीन का कोई “अर्पणनामा” “दानपत्र” अथवा न्यास बोर्ड में कोई निबंधन नहीं करवाया। बिहार सरकार द्वारा जुलाई 1985 के खगड़िया के जिला गजट में भी उक्त जमीन को हमारी पैतृक संपत्ति ही मानकर हम लोगों के बिहार भूमि सुधार अधिनियम ( बिहार लैंड रिफॉर्म फिक्सेशन ऑफ सीलिंग एरिया एंड एग्जीबिशन ऑफ सर प्लस लैंड एक्ट ) के अंतर्गत हम लोगों की यूनिट निर्धारित की गई और स्वेच्छा से 101 एकड जमीन गरीबों के वितरण हेतु सौंपा । पुन: अधिसूचना संख्या 4/R/ 92 दिनांक 14.5.92 के द्वारा 78.79 एकड़  अधिशेष भूमि सरकार को सौंपी गई जिसका भूमिहीनों के बीच वितरण भी किया जा चुका है । उक्त गजट में देवी देवताओं के जमीन को हमारी पैतृक संपत्ति माना गया और हम लोगों के आग्रह के बावजूद भी देवी देवताओं के लिए कोई यूनिट निर्धारित नहीं किया गया . कालांतर में हमारे परिजनों के बीच खेती करने एवं जमीन खरीद बिक्री में असुविधा होने पर अनुमंडल पदाधिकारी गोगरी के तहत दाखिल खारिज अपील वाद संख्या 238/2000-2001 एवम पुनः बाद संख्या 1/2003-2004 के द्वारा पूर्व के जमाबंदी संख्या 53 , 72 , 109 122 , 123 ,124 ,139 ,140 एवं 157 की भूमि को नए जमाबंदी संख्या 387, 388 , 389 , 390 391, 392 , 393 एवं 394 कायम कर हम लोगों ने जमीन का आपसी बंटवारा किया .
सठमा के कुछ लोग कर रहें है अवैध मिट्टी कटाई :- जिलाधिकारी से लगाए गए गुहार में कहा गया हैं कि सठमा के निकेश कुमार एवं कुछ शातिर लोगों के द्वारा एक साजिश के तहत 18.08.09 को बिहार राज्य धार्मिक न्यास परिषद पटना को एक ज्ञापन सौंपा गया जिसमें उक्त जमाबंदी को फर्जी तरीके से कायम बताकर खरीद बिक्री से रोक की मांग की गई . इस ज्ञापन का एकमात्र उद्देश्य असामाजिक तत्वों का जमीन पर कब्जा करना एवं हमें  बेदखल करना ही था .बिहार राज्य धार्मिक न्यास परिषद के द्वारा पत्रांक 687 दिनांक 07.07.2009 के द्वारा अवर निबंधक खगड़िया एवं अवर निबंधक गोगरी को हमारे जमीन की खरीद बिक्री से रोक का आदेश दिया गया . पुन: बिहार राज्य धार्मिक न्यास परिषद पटना के पत्रांक  880 दिनांक 27.07.2009को जिला पदाधिकारी को निर्देश दिया गया कि सठमा एवं खजरैठा अवस्थित मंदिर के संपत्तियों की जांच की जाए और जांच प्रतिवेदन तक उक्त जमीन की खरीद बिक्री रोक दिया जाए. जिला पदाधिकारी खगड़िया  के पत्रांक 1028 दिनांक 12..06.2010 के द्वारा बिहार राज्य धार्मिक न्यास परिषद पटना को जांच प्रतिवेदन समर्पित की गई जिसमें उक्त सभी जमीन को हमारी पैतृक संपत्ति ही बताया गया गया है. इसके बाद भी  अवैध मिट्टी खुदाई करने में लगे हूए है।

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