बलवंत चौधरी (बेगूसराय)
(बेगूसराय) : बेगूसराय जिले में बुधवार को दो धर्म प्रचारक जमाती के कोरोना संक्रमित संबंधित रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इसके बाद उनके अन्य 9 साथी को भी आइसोलेशन में रख कोरोना जांच के लिए सैंपल भेजा गया है । तेघरा अनुमंडल के 5 गांव को पूरी तरह सील कर दिया गया है। घर घर की सघन जांच की जा रही है । वहीं सील किए गए गांव में दवा का छिड़काव आदि एहतियातन उपाय भी किए जा रहे हैं।
जिला प्रशासन अपनी पूरी ताकत झोंके हुए हैं । वहीं समस्तीपुर जिला प्रशासन ने दलसिंहसराय से लेकर हसनपुर तक की सभी सड़के जो बेगूसराय जिले से कनेक्ट होती है को सील करने का आदेश बुधवार को ही जारी कर दिया है। लेकिन आदेश का पालन करने वाले दोनों जिले के थाना व प्रखंड स्तरीय पुलिस एवं सिविल प्रशासन के अधिकारी की घोर लापरवाही एवं अवैध कमाई करने के चक्कर के कारण जिला प्रशासन की सारी कोशिशों पर पानी फिरता दिख रहा है।
तमाम सड़कों पर आवाजाही बेरोक टोक जारी है ।
हद तो गुरुवार की संध्या देखी गई जब छौड़ाही बाजार समेत बेगूसराय जिले के तमाम जगहों पर सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाते हुए अपार जनसमूह बाजारों में उमड़ पड़ा। इस दौरान कहीं भी कोई प्रशासनिक व्यवस्था नहीं देखी गई।
बाजार में भीड़ हीं भीड़ : गुरुवार की संध्या छौड़ाही, खोदावंदपुर, चेरिया बरियारपुर, गढ़पुरा जैसे ग्रामीण बाजार एवं बेगूसराय शहर जैसे बड़े बाजारों में सब्जी एवं आवश्यक सामानों की खरीद हेतु लोगों का अपार जनसमूह उमड़ा हुआ था।
सामान खरीद रहे सविता देवी दीपिका कहतीे हैं कि सरकार कह रहा है घर तक सामानों की गाड़ी भेज रहे हैं। लेकिन आटा, दूध छोड़िए सब्जी वाला भी आज तक दिखाई नहीं दिया। गांव में परवल 60 तो आलू ₹40 रुपये। यहां कुछ सस्ता मिल रहा है इसीलिए चले आए हैं ।यहीं मिले मोहम्मद मुस्तकीम, दानिश आदि बताते हैं कि अब तक खाता में पैसा नहीं आया है ।डीलर अनाज नहीं दे रहा है । हम लोग क्या खाएंगे क्या करें । बुखार का दो रुपये वाला टेबलेट 10 में दे रहा है। इसलिए गांव से सस्ता सामान खरीदने यहां आए हैं। यहां रेट ज्यादा लग तो रहा है लेकिन गांव से कम लग रहा है। प्रशासन की कोई व्यवस्था हम लोगों के लिए नहीं है। आप देखिए बड़े बड़े आदमी भी समान खरीदने यहां पहुंचे हैं। इसलिए भीड़ ज्यादा है ।
हम लोग कोरोनावायरस को हाथ मुंह साफ कर दूर रखेंगे। लेकिन पेट की भूख बर्दाश्त नहीं होता है। बीमारी से क्या मरेंगे भूखे मरने की नौबत आ जाएगी।
एक दुकानदार से ₹100 की वसूली : छौड़ाही हाई स्कूल के मैदान में हाट लगता था। लेकिन अब मैदान के बदले छौड़ाही बखड्डा चौक पर 1 किलोमीटर तक सड़क के दोनों किनारे सप्ताह में 3 दिन बाजार जमी रहती है। गुरुवार को सब्जी एवं अन्य सामग्री बेच रहे दर्जनों दुकानदार ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि साहब अंचल प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन के नाम पर हम लोगों से 100 रुपये प्रति दुकानदार वसूली की जा रही है। इसलिए हम लोग समान का ज्यादा दाम ले रहे हैं। हमारी कोई गलती नहीं है। एक तो समान भी बड़े होलसेलर ज्यादा दाम पर दे रहे हैं। अब 100 रुपये पुलिस वाले व प्रशासन लेगा तो हम लोग जेब से लगाकर लोगों को तो सामान नहीं दे सकते हैं ।
इसलिए महंगाई ज्यादा है। दुकानदारों का कहना था कि लोग को बार-बार कहते हैं कि दूर खड़े होकर सामान लीजिए लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं है। प्रशासन भी सिर्फ पैसा वसूली के लिए आता है । आप देख लीजिए एक भी पुलिस प्रशासन के अधिकारी यहां नहीं मिलेंगे।
सड़क पर दनादन चल रहे वाहन : समस्तीपुर जिला प्रशासन ने सीमावर्ती बेगूसराय में कोरोना के तीन मरीज रहने एवं इसके फैलाव रोकने हेतु सतर्कता बरतते हुए दोनों जिले को जोड़ने वाली बेगूसराय रोसड़ा समस्तीपुर एसएस 55 को बेगूसराय जिले के खोदाबंदपुर थाना क्षेत्र के सागी चौक और समस्तीपुर जिले के रोसड़ा थाना क्षेत्र के पंचवटी चौक पर , गढ़पुरा थाना क्षेत्र में गढ़पुरा बाजार से गढ़पुरा स्टेशन होते हुए हसनपुर जाने वाली सड़क, दलसिंहसराय समसा सड़क समेत तमाम छोटी-बड़ी सड़कों को सील कर एक से दूसरे जिले में आवाजाही को पूर्णता प्रतिबंधित करने का आदेश बुधवार को ही दिया था। लेकिन गुरुवार को इन सभी सड़कों पर वाहन दनादन चल रहे थे। सील किए गए स्थलों पर एक भी पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी मौजूद नहीं थे।
एक दूसरे पर डाल रहे जिम्मेवारी : इस मुश्किल समय में भी भीड़ नियंत्रण करने की जगह अधिकारीगण एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डाल अपना पल्ला झाड़ने में लगे हैं। छौड़ाही बाजार में लगी भीड़ के संबंध में जब स्थानीय लोगों ने छौड़ाही ओपी अध्यक्ष ओम प्रकाश को फोन किया तो उन्होंने कहा कि भीड़ नियंत्रण करने का प्रभार सीओ साहब के पास है
जब सीओ सुमंतनाथ से इस संबंध में बात की गई तो उन्होंने कहा देख लेते हैं। छौड़ाही पुलिस को इस पर संज्ञान लेना चाहिए। दोनों अधिकारियों द्वारा एक दूसरे पर जिम्मेदारी डालने से लोग अचंभित हैं। जबकि विधि व्यवस्था की पूर्ण जिम्मेवारी पुलिस की ही होती है।
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