रिपोर्ट:-आज़ाद इदरीसी
हसनपुर प्रतिनिधि:- मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना सैफुल्लाह कासमी रह.
को हजारों लोगों की मौजूदगी में बुधवार की दोपहर सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। मौलाना अपने पीछे भरा पूरा परिवार छोड़ गए हैं। जिसमें पुत्र तनवीर आलम,असगर सबी,मसरूर फ़ैज़ी (दिल्ली डीडी न्यूज़ एंकर),रागिब जमाल व तीन पुत्री हैं। विख्यात धर्मगुरु मौलाना सैफुल्लाह कासमी का मंगलवार की दोपहर बीमारी के चलते इंतकाल हो गया था। मौलाना की मौत की सूचना से मुस्लिम समाज में शोक का माहौल पैदा हो गया। हजरत मौलाना के इंतकाल की सूचना पर कस्बे व क्षेत्र के मदरसों ओर मस्जिदों में कुरान खानी कर हजरत मौलाना की रूह को एसाले सवाब किया जा रहा है। बुधवार की दोपहर सैकड़ों उलेमा-ए-किराम की मौजूदगी में हजरत मौलाना के शव को पैतृक गांव सिरसिया के कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। मरहूम मौलाना सैफुल्लाह क्षेत्र के जाने माने उलेमाओं में से थे। कस्बे और क्षेत्र के दीनी जलसों में अक्सर मौलाना की शिरकत हुआ करती थी। मौलाना की पैदाइश प्रखंड क्षेत्र के गांव सिरसिया में हुई थी। मौलाना ने दीनी शिक्षा गांव के ही मदरसे में की थी। बाद में मौलाना ने मौलवियत की फारसी और अरबी की तालीम हासिल की थी। कई वर्षों तक मदरसा अशरफिया तरियामा में प्रिंसिपल के पद पर रहे। कई जगहों पर मुस्लिम बच्चों को दीनी तालीम दी। बाद में मौलाना ने कस्बे के सिरसिया में मदरसा इस्लामिया एकेडमी कायम किया। आखिरी उम्र तक मदरसे की खिदमत को अंजाम देते रहे। मौलाना के जनाजे में मौलाना अख्तर इमाम आदिल,मुफ्ती तौहीद मजाहरी,मौलाना मुजारुल हक़,हाफिज मो.कौसर इमाम,मास्टर इजाहरुल हक़,मो.एनुल हक़,मो.बद्रिउज्जमा,पूर्व सांसद प्रतिनिधि कैफ़ी खान,डॉ आसिफ,पत्रकार आज़ाद इदरीसी,मो.डब्लू,मो.दाऊद,मो.अनवर सहित सैकड़ों लोग शामिल थे।
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