इसके अलावा यहां तीर प्रतियोगिता, मटकी फोड़ प्रतियोगिता, छल्ला फेंक, रस्साकशी, बच्चों के जलेबी रेस, म्यूजिकल चेयर के खेल भी कराए गए। संध्या 7 बजे सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।इसमें सीआरपीएफ के अधिकारी से लेकर जवान अनुशासन के साथ उमंग में सरोवर दिखे।सांस्कृतिक संध्या कार्यक्रम में जवानों ने एक से बढ़कर एक कार्यक्रम देख कर समा बांधा। सीआरपीएफ कमांडेंट कमलेश सिंह ने वहाँ उपस्थित अधिकारियों और जवानो को इस स्थापना दिवस पर बधाई देते हुए कहा कि वीर शहीदों की शहादत हमारे लिये प्रेरणास्त्रोत हैं, जो हमें हौसला एवं हिम्मत देती है।उन्होंने कहा कि हमारा बल विश्व का सबसे बड़ा अर्द्धसैनिक बल है और यह महान बल न केवल देश की आंतरिक सुरक्षा के प्रति सजग एवं सचेत है बल्कि सामाजिक सरोकार एवं मानवता के प्रति भी उतना ही प्रतिबद्ध है।उन्होने बताया कि हमारे महान बल की गौरवमयी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए गया मुख्यालय सीआरपीएफ की ओर से राज्य में नक्सलियों के विरूद्व निरंतर अभियान चला रही है।
राज्य के विभिन्न भागों में फैले नक्सलवाद को जड़ से समाप्त करके कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने में सीआरपीएफ ने बड़ी अहम भूमिका निभाई है तथा भविष्य में भी अपने वीरतापूर्वक कार्यो से देश व राज्य की एकता एवं अखंडता को अक्षुण्ण रखने के लिए प्रयत्नशील रहेगी।
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