धीरज गुप्ता की रिपोर्ट।
इस कार्यक्रम की शुरुआत में सबसे पहले बाबा साहेब डॉ. अंबेडकर के तैलचित्र पर संगोष्ठी-अध्यक्ष और सभी अतिथियों, उपस्थित शिक्षक व शोधार्थियों-विद्यार्थियों ने पुष्प अर्पित किया है डॉ. रविकांत ने अपने संबोधन में वर्तमान समय में अंबेडकर की प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला है। डॉ० प्रदीप राम ने अपने वक्तव्य में कहा कि समाज में समरसता लाने के लिए बाबासाहेब के दर्शन को जानना होगा। डॉ० अंजू हेलन बारा ने अपनी बात रखते हुए कहा कि बाबा साहेब डॉ० आंबेडकर ने कानून मंत्री रहते हुए नारी जाति की सुरक्षा के लिए ऐसे कानून लाए जिनसे आज नारियां सम्मान के साथ जीवन जी पा रही हैं। डॉ. शांति भूषण ने बाबा साहेब डॉ० अंबेडकर के दर्शन और उनके जीवन से प्रेरणा लेने की बात कही
इस कार्यक्रम का संयोजन एवं संचालन शोध छात्र सुमित हलधर ने सुंदर ढंग से किया। इस अवसर पर एम.ए. के छात्र सिद्धार्थ चौहान, नवलदेव सहनी , शोधार्थी अम्बालिका जायसवाल, नचिकेता वत्स ने भी अपने विचार रखे। इस अवसर पर हिन्दी विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ० रामचन्द्र रजक एवं विद्यार्थियों में चाहत, पुष्पा, सोनाली राजपूत, सीमा, रुचि कुमारी समेत दर्जनों शोधार्थी – विद्यार्थी उपस्थित थे। कार्यक्रम के अंत में शोधार्थी आशीष कुमार पटेल ने धन्यवाद ज्ञापन किया।
Leave a Reply