राजकमल कुमार की रिपोर्ट।
जिससे प्राइवेट गाड़ी वाले गरीब मरीजों के साथ दोहन शोषण करते हैं। वही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बेलदौर में मरीजों के साथ दुर्व्यवहार किया जाता है। यदि प्रसव मरीज आशा कार्यकर्ता हो या एनएम नजराना नहीं देते हैं तो उनके द्वारा डांट फटकार लगाया जाता है। वही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बेलदौर में सतरंगिया चादर गायब रहता है। वहीं चिकित्सा पदाधिकारी मुकेश कुमार का कहना है कि यदि बेढ पर चादर बिछाते हैं तो मरीज के द्वारा चादर लेकर चले जाते हैं। इसलिए सतरंगिया चादर को नहीं बिछाते हैं। वही प्रसव मरीजों को समय पर ना ही नाश्ता मिलता है ना ही खाना जिसको लेकर मरीजों में आक्रोश व्याप्त रहता है। वहीं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बेलदौर में कार्यरत बीसीएम मनजीत प्रसाद के द्वारा आशा कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित किया जाता है।
जब तक आशा कार्यकर्ता से नजराना नहीं लेते हैं तो तब तक उनका प्रोत्साहन राशि नहीं भुगतान करता है। हाय रे सुशासन बाबू एक तरफ बिहार सरकार कहते हैं कि स्वास्थ्य व्यवस्था सुदृढ़ है। लेकिन उनके ही कर्मी के द्वारा जब तक नजराना नहीं मिलता है तो उनका महिन वाड़ी भुगतान नहीं करते हैं।
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