कोलियरी क्षेत्र में 2100 टन कोयले प्रतिदिन हो रहा है उत्पादन, लगभग 1200 कर्मचारी हैं कार्यरत ।

निशा सिंह रिपोर्टर (पश्चिम बंगाल)

दुर्गापुर: देश में लगभग अगस्त के महीने से कोयले के भंडार में तेजी से कमी देखी  गई। गौरतलब है, कोविड महामारी से उभरती अर्थव्यवस्था के साथ आर्थिक सुधार के लिए वैश्विक स्तर पर बिजली की मांग को लेकर भारत में भारी वृद्धि हुई है और कोल इंडिया कोयले की मांग को पूरा कर रही है, जिससे सस्ती दरों पर बिजली पैदा करने में मदद मिलती है। कुछ दिनों से चल रही थर्मल पावर प्लांट में कोयले की किल्लत की खबर के बीच वर्तमान स्थिति को जानने के लिए दुर्गापुर (पश्चिम बंगाल) के कोल क्षेत्र के प्रबंधक से बातचीत के दौरान पता चला कि इस स्थिति के मद्देनजर सरकार की तरफ से कोयला क्षेत्रों को प्रोडक्शन बढ़ाने के लिए निर्देश जारी किए गए थे, जिसके बाद दुर्गापुर के कुछ क्षेत्रो में प्रोडक्शन को बढ़ाया गया है। सूत्रों के हवाले से पता चला कि काफी मेहनत और परेशानियों का सामना करना पड़ा, लेकिन अच्छी योजनाएं बनाकर कोयले का प्रोडक्शन बढ़ाया गया है।

सूत्रों के अनुसार, दुर्गापुर इलाके स्थित सरपी कोलियरी क्षेत्र में 2100 टन प्रतिदिन कोयले का उत्पादन हो रहा है और वर्तमान में लगभग 1200 कर्मचारी इस क्षेत्र में कार्यरत हैं। साथ ही यह भी बताया गया है कि पहले के मुकाबले इस क्षेत्र में कोयले का प्रोडक्शन काफी बढ़ गया है। बकौल प्रबंधक, दुर्गापुर का कोल क्षेत्र बिजली संकट से लड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार है।

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