राजीव कुमार की रिपोर्ट।
खगड़िया नीमा खुद मरी अथवा मार दी गई यह गहन जांच मे खुलासा होगा मगर नगर थाना के दारोगा राजकुमार सिंह व पुलिस एसोसिएशन के सचिव अखिलेश सिंह पर नीमा के पिता अधिवक्ता अरूण सिंह ने नीमा की मौत मामले में संदिग्ध भूमिका का आरोप लगाया है। कहा कि मरने से पहले नीमा ने थाना को आवेदन दिया था जो गायब कर दिया गया। कहा कि पुलिस एसोसिएशन के सचिव का आरोपित परिवार से दूर का रिश्ता है और डाक्टर और पुलिस पर किसी न किसी रूप से दबाब बनाकर सहयोग किया जा रहा है। इधर जाप नेता मनोहर कुमार यादव ने स्थानीय पुलिस की भूमिका गैर जिम्मेदाराना बताया है कहा तीन दिनों से विवाहिता को बेरहमी से पिटाई की जाती रही। जान बचाने के लिए अहले सुबह विवाहिता थाना पहुंचकर अर्जी दी। एक सिपाही को भी उसके घर पर भेज दी जाती तो आज नीमा नहीं मरती। उन्हौने दो पुलिस अधिकारियों की संदिग्ध भूमिका की उच्चस्तरीय जांच करने मेडिकल टीम द्वारा शव पोस्टमार्टम रिपोर्ट की समीक्षा करने व दोषियों पर सख्त कार्रवाई करने की मांग वरीय अधिकारियों से की है। आरोप लगाया कि थाना मामला पहुंचने के साथ ही कुछ दलाल थाना पहुंच जाता है और भाव मोल होने लगता है जिससे पीड़ित को न्याय नहीं मिल पाता है।
इधर दारोगा राज कुमार सिंह का कहना है कि वे अखिलेश सिंह को जानते तक नहीं हैं आरोप निराधार है।
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