सतीश कुमार यादव की रिपोर्ट।
समस्तीपुर जिले के हसनपुर प्रखंड क्षेत्र में इन दिनों कई ऐसे निजी अस्पताल संचालित हैं जिनका पंजीकरण समस्तीपुर मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय में नहीं है । बताया जाता है कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की सांठ गांठ के चलते हसनपुर में ऐसे फर्जी अस्पताल फल फूल रहा है । जो प्रायः ही आम जनता की जान से खिलवाड़ करके स्वास्थ्य विभाग पर सवाल खड़ा करते आ रहा है । बताया गया कि आरटीआई के माध्यम से सीएमओ कार्यालय से प्राप्त निजी अस्पतालों की सूची में हसनपुर प्रखंड क्षेत्र में संचालित श्री लक्ष्मी नर्सिंग होम क्लिनिक का नामों – निशान तक नहीं है । लेकिन श्री लक्ष्मी क्लिनिक बेधड़क अपना नीजी अस्पताल चला रहा था । जिससे स्पष्ट होता है कि हसनपुर क्षेत्र में संचालित अधिकांश नीजी अस्पताल पूरी तरह से फर्जी है, जो पंजीकरण नहीं है ।
जिससे जाहिर होता है कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की इसमें संलिप्तता होने से इंकार नहीं किया जा सकता है । विगत पिछले महिने प्रखंड क्षेत्र में 8 निजी क्लीनिकों व दवा दुकानें एवं ओटी का स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियों द्वारा जाॅच की गई । जिसमें समस्तीपुर सदर अस्पताल के पदाधिकारियों के साथ एमओआईसी हसनपुर की अध्यक्षता में डॉ अरविंद कुमार (प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी), संजीव कुमार प्रभात, दीपक कुमार भारती ने जाँच किया । जांच के दौरान 8 नीजी दवा दुकानों व निजी क्लीनिक संचालको को निर्देश दिया गया कि 3 दिनों के अंदर लाइसेंस व सारी डॉक्यूमेंट हसनपुर पीएचसी प्रभारी डॉ अरविंद कुमार के समक्ष प्रस्तुत करें । समस्तीपुर जिले के हसनपुर प्रखंड में अवैध रुप से संचालित नर्सिंग होम संचालक और क्लिनिक के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग की लचर व्यवस्था के कारण हसनपुर में फर्जी नर्सिंग होम एवं फर्जी दवा दुकान फल फूल रहा है । सूत्रों की माने तो हसनपुर प्रखंड मुख्यालय सहित समस्तीपुर जिले के क्षेत्र में बिना वैध डिग्री के अधिकतर क्लिनिक व पैथोलॉजी सेंटर चल रहा है । बताया जाता है कि कुछ फर्जी डॉक्टर भी बिना किसी भय के बिचौलिए के माध्यम से नीजी क्लिनिक चला रहे हैं । वहीं लोगों की माने तो चंद पैसो के लिए सरकारी अस्पताल के आशा कार्यकर्ता भी मुख्य बिचौलिए का कार्य करते हैं । जिसका खामियाजा ग्रामीण क्षेत्र के मरीजों को भुगतना पड़ रहा है । बताया गया कि स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई के दौरान क्लिनिक बंद करने की नोटिस देने के बावजूद दर्जनों डॉक्टरों ने अपने दस्तावेजों की जांच जिलास्तरीय कमेटी से नहीं करायी है । जानकारी के अनुसार जिस निजी क्लिनिक श्री लक्ष्मी अस्पताल में एक महिला की मौत हुई थी, उस क्लिनिक तक प्रशासन को पहुंचने में 12 घंटे से अधिक का समय लगा । घटना घटित गुरूवार को देर शाम करीब 7:30 बजे हुआ जबकि प्रशासन शुक्रवार की सुबह 9:00 बजे के बाद घटना स्थल पर पहुँच कर छानबीन किया । घटना स्थल तक पहुंचे अधिकारीयों में सीएचसी के संजीव कुमार, प्रखण्ड विकास पदाधिकारी जय किशन, अंचलाधिकारी हनी गुप्ता, हसनपुर थानाध्यक्ष निशा भारती आदि शामिल थे । अब सवाल उठता है कि जांच अधिकारियों के द्वारा निर्देश दिये जाने के बावजूद प्रशासन को नजर अंदाज कर हसनपुर में फर्जी नीजी क्लिनिक बेधड़क चल रहे हैं । जिसका परिणाम हसनपुर के श्री लक्ष्मी नर्सिंग होम क्लिनिक में गुरुवार को देर शाम देखने को मिला, जहाँ चिकित्सक की लापरवाही के कारण एक महिला की जान चली गई ।
वहीं श्री लक्ष्मी नर्सिंग होम के चिकित्सक एवं कर्मी रात के अंधेरे का फायदा उठाते हुए मृत मरीज के परिजनों को रेफर का बहाने बताकर मृत मरीज को क्लिनिक के बाहर कर नर्सिंग होम के क्लिनिक में ताला लगाकर चुपके से फरार हो गये । वहीं अब परिजन डॉक्टरों के सबूत खोजे, तो नामुमकिन है । ये क्लिनिक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्रखण्ड व अंचल मुख्यालय एवं हसनपुर थाना से मात्र दो सौ मीटर के दूरी पर स्थित है । जिसको लेकर लोगों का संदेह गहराता जा रहा है । मृत मरीज की पहचान अकोनमा गाँव के नथुनी चौपाल की पत्नी गुड़िया देवी के रूप में की गई ।