SAMASTIPUR / BIHAR :- विभूतिपुर: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय, समस्तीपुर द्वारा सिंघिया घाट के दुर्गा स्थान के समीप आयोजित सात दिवसीय राजयोग मेडिटेशन शिविर में राजयोग का आधार एवं विधि व राजयोग से प्राप्त होने वाली अष्ट शक्तियों के विषय पर संबोधित करते हुए ब्रह्माकुमारी सोनिका बहन ने कहा कि आज के समय में अनेक प्रकार के योग सिखलाये जा रहे हैं। जिनके द्वारा शारीरिक-मानसिक स्तर पर एक हद तक लाभ भी पहुंचता है। लेकिन राजयोग सभी में सर्वश्रेष्ठ और सबसे सहज है। इसे सीखकर इसका अभ्यास करने से हम अपनी कर्मेंद्रियों पर सहजता से नियंत्रण कर पाते हैं। हमारा मन हमारे वश में हो जाता है, हमारी बुद्धि सही निर्णय लेने में सक्षम होती जाती है और हमारे संस्कार महान बनते जाते हैं। परिणामस्वरूप हम अनेक प्रकार की बुराइयों एवं प्रलोभनों से तो बच ही जाते हैं।
साथ ही साथ हमारा जीवन भी देवतुल्य बनता जाता है। तनावमुक्ति, व्यसनमुक्ति अथवा किसी भी मानसिक कमजोरी या विकारों से मुक्ति के लिए इधर-उधर भटकने से अच्छा है सहज राजयोग अभ्यास को जीवन में नियमित रूप से स्थान देना। राजयोग के नियमित अभ्यास से हमारे जीवन में समाने की शक्ति, सामना करने की शक्ति, परखने की शक्ति, निर्णय शक्ति, सहनशक्ति, विस्तार को संकीर्ण करने की शक्ति, समेटने की शक्ति व सहयोग शक्ति- यह अष्ट शक्तियां आने लगती हैं। मां दुर्गा को अष्ट भुजाधारी दिखाना इन्हीं अष्ट शक्तियों का प्रतीक है।
राजयोग से जन्म-जन्म के लिए निरोगी काया मिलती है। राजयोग के आधार से सारी वैश्विक समस्याओं का जड़ से उन्मूलन होता है। इसके बल से ही यह धरा स्वर्ग बनती है। सभी शिविरार्थियों को अंत में राजयोग का अभ्यास कराया गया। इसके द्वारा सभी ने बहुत कम समय में असीम शान्ति और खुशी की अनुभूति की।
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