समस्तीपुर जिला के रोसड़ा शहर आये दिन निजी क्लिनिक व निजी अस्पताल को लेकर चर्चा में बना रहता है। इस बार एक डॉक्टर साहब को लेकर रोसड़ा शहर चर्चा में हैं। दरसल एक डॉक्टर मनोज कुमार ( एमबीबीएस) रोसड़ा शहर के ब्लॉक रोड स्थित जीवन सहारा क्लीनिक,स्टेशन रोड स्थित शारदा हेल्थ केयर,स्टेशन रोड स्थित मां क्लिनिक,सहियार बुर्ज ज्योतिआईआईटी स्थित भाग्य श्री क्लिनिक के आलावे लगभग दर्जनों भर निजी क्लीनिक व अस्पताल में डॉक्टर मनोज कुमार( एमबीबीएस) का बोर्ड व लेटर पैड उपयोग किया जा रहा है । जब कि डॉक्टर मनोज कुमार रोसड़ा शहर के किसी भी निजी अस्पताल में नहीं बैठते हैं।
रोसड़ा शहर में एक और खास बात है शहर में लगभग सैकड़ों निजी क्लीनिक व निजी अस्पताल हैं गिना चुना निजी क्लीनिक व अस्पताल सरकार के गाइड लाइन के अनुसार संचालित हैं । कई निजी नर्सिंग होम, क्लीनिक,अस्पताल में डॉक्टर का बोर्ड लगा तो हैं पर डॉक्टर साहब का कोई पता नहीं है ।जब कि कई डॉक्टर साहब को ये भी नही मालूम है कि उनके नाम पर मरीजों से ईलाज के नाम पर जेब से मोटी रकम ढीली किया जा रहा है। कई निजी क्लीनिक में डॉक्टरों के नाम यूज कर मरीजों को गुमराह किया जा रहा है।
स्वास्थ्य विभाग आगर रोसड़ा में निजी नर्सिंग होम, क्लीनिक ,अस्पताल की जांच करें तो कई ऐसे क्लीनिक संचालक मिलेंगे जो कभी मेडिकल लाइन से कोई वास्ता उनका था ही नहीं और आज मरीज का ऑपरेशन ,प्रसव के अलावे कई जटिल बीमारियों का इलाज करते हैं।
इस सम्बंध में डॉक्टर मनोज कुमार(एमबीबीएस) से दूरभाष पर सम्पर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि मेरे अनुमति के बिना अगर कोई मेरा नाम व पद का यूज कर रहा है। वैसे संस्थान पर कार्रवाई की जाएगी ।
सूत्रो कि माने तो रोसड़ा शहर में कई ऐसे नर्सिंग होम,क्लिनिक,अस्पताल, हैं जहां बड़े बड़े नामी डॉक्टरों का बोर्ड लगा हुआ है। लेकिन वहां आपको डॉक्टर नहीं मिलेंगे ।डॉक्टर साहब के नाम बोर्ड और लेटर पैड पर यूज करने के एवज में कुछ चढावा चढ़ाते हैं। और मरीजों के जीवन के साथ खिलवाड़ करते हैं। इस खेल में आशा कार्यकर्ता की अहम भूमिका होती हैं। सरकारी अस्पताल से मरीजों को छनिक लाभ के लिए डाइवर्ट कर निजी अस्पताल, नर्सिंग होम,क्लिनिक में पहुँचाते है।
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