Samastipur:- रोसड़ा बिहार सरकार के शिक्षा विभाग के द्वारा बिहार के प्रारंभिक से लेकर उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में अवकाश की कटौती पर शिक्षकों की नाराजगी उभरने लगी है। शिक्षक सरकार से मांग कर रहे है की उनसे अवकाश के अधिकार को न छीना जाए। इसी आलोक में आज रक्षाबंधन के जैसे महान पर्व पर भी विद्यालय खुले रहने पर शिक्षकों ने स्थानीय प्रखंड संसाधन केन्द्र कार्यालय रोसडा़ के प्रांगण में टीईटी-एसटीईटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ गोपगुट रोसडा़ की एक आपातकालीन बैठक श्री संजीव कुमार की अध्यक्षता में संपन्न हुआ ,सभा का संचालन सचिव श्री प्रशांत कुमार ने किया |
बैठक में उपस्थित शिक्षकों नें इस संशोधित अवकाश तालिका को तुगलकी फरमान बताया |संबोधित करते हुए संघ के जिलाध्यक्ष श्री अशोक कुमार साहू ने विरोध जताते हुए बताया की अचानक से शिक्षकों को विभिन्न पर्व त्योहारों में मिल रहे अवकाश में कटौती से शिक्षक असंतुष्ट हो रहे है एवं इससे उन्हें सामाजिक और पारिवारिक स्तर पर कई तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
एक तो शिक्षक पहले ही अपने परिवार से कोशो दूर पदस्थापित है तथा इन्ही पर्व त्योहारों में वे अपने परिवार से मिल पाते है ऐसे में विभिन्न त्योहारों में छुट्टी रद्द कर देने से उनमें सरकार की प्रति उत्कंठा का भाव जाग रहा है एवं वे तनावग्रस्त हो सकते है। वही दूसरी ओर अगर बात की जाए वर्ष में शैक्षणिक दिवसों की तो वर्षभर में शिक्षकों को देय अवकाश को छोड़कर भी दो सौ बीस दिन से अधिक वर्ग संचालित हो जाती है एवं नई शिक्षा नीति में भी बच्चो के लिए विद्यालय का समय कम करने की बात की जा रही है। त्योहारों के समय इस प्रकार अवकाश रद्द कर देने से छात्रों को भी परेशानी हो रही है,आज हीं को लें तो अधिकांश विद्यालयों में छात्र की संख्या शून्य हीं रही और शिक्षकों को बैठकर दिन बिताना पड़ा |हम शिक्षक सरकार से मांग करते है की वे अपने आदेश पर पुनर्विचार करते हुए आदेश वापस ले। इस आदेश से विगत दिनों शिक्षक और सरकार के मध्य जो विश्वास कायम हुआ था वह भी टूट रहा है। अगर फिर भी विभाग को लगता है की जनगणना, आपदा चुनाव आदि से पढ़ाई प्रभावित हो रही है तो विभाग शिक्षकों को इन कार्यों से मुक्त रखना चाहिए, न कि अवकाश में कटौती करनी चाहिए। बैठक को संबोधित करते कोषाध्यक्ष पंकज कुमार, मीडिया प्रभारी दीप नारायण रजक आदि ने सरकार से इस तुगलकी फरमान को जल्द वापस लेने को कहा नहीं तो आंदोलन तेज किया जाएगा ।
कार्यक्रम में अमित कुमार, रणजीत कुमार,सुनील कुमार , बिहारी सहनी, मो ० शाद अली, मो ० अंसार आलम, मो ० वसी हैदर,संजीव कुमार, ऋषि कुमार, मो ० नजीबुल हसन, दिलीप राम, सुनील कुमार सुमन, राजीव कुमार आदि शामिल थे।