समस्तीपुर जिले के शाहपुर मध्य विद्यालय मे कार्यरत शिक्षक अब्दुल वहाब बर्ष 1990 मे सेवाकाल के दौरान उनकी देहांत हो गया जिसके बाद परिवार के भरन पोषण के लिए मृत शिक्षक अब्दुल वहाब के प्रथम पुत्र मो० हारुण रसीद की अनुकम्पा के तहत नियुक्ति किया गया पश्चात मो० हारूण रशीद अपने कर्तव्यों के निर्वाहण करने में असफल रहने के कारण विभागीय पत्रांक 1476 दिनांक 02.09.2002 द्वारा मो० हारुण रसीद की नियुक्ति रद्द करने की जांच की गई। जांचोपरांत जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना समस्तीपुर के पत्रांक 1379 दिनांक 17.03.2016 के द्वारा मो०हारुण की सेवा समाप्त कर दी गई साथ ही मृतक शिक्षक अब्दुल वहाब के द्वितीय पुत्र मो०खालिद अनवर की नियुक्ति हेतु विधि सम्मत कारवाई करने का निर्देश दिया गया जो आज तक लंबित है।
मो०खालिद अनवर ने बताया कि अनुकम्पा पर नियुक्ती को लेकर माननीय मुख्य मंत्री बिहार,उप मुख्यमंत्री , माननीय शिक्षा
मंत्री बिहार,मुख्य सचिव बिहार, बिहार राज्य अल्पसंख्यक आयोग पटना,जिला पदाधिकारी समस्तीपुर, जिला शिक्षा पदाधिकारी समस्तीपुर इन सभी जगहों का पत्राचार करते करते थक गए है लेकिन बीस साल से अधिक हो गया आज तक विभाग के द्वारा नियुक्ती को लेकर कोई ठोस कदम नही उठाया गया जिस कारण मेरा परिवार भूखमरी का कगाड़ पर आ गया हैl
बिहार राज्य अल्पसंख्यक आयोग ने प्राथमिक निर्देशक शिक्षा विभाग पटना को अपने पत्र में अनुशंसा किया है कि जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) समस्तीपुर के पत्रांक 1379 दिनांक 17-3-16 द्वारा मो० हारूण रशिद की सेवा समाप्त कर दी गयी तथा जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) समस्तीपुर द्वारा ही अपने पत्रांक- 1446 दिनांक- 19-8-2016 द्वारा मो० खालीद अनवर के नियुक्ति के दावे के आलोक में बिहार सरकार कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार विभाग के संकल्प संख्या-13293 दिनांक-1-10-1991 एवं पत्र संख्या-2822 दिनांक-27-4-95 में दिए दिशा निर्देश के आलोक में आश्रित के दुसरे सक्षम पुत्र को नियुक्ति हेतु मार्गदर्शन की मांग किया गया लेकिन नियुक्ति नहीं किया गया।
नियुक्ति नहीं किए जाने के उपरांत मो० खालीद अनवर, पिता स्व० अब्दुल वहाब द्वारा माननीय उच्च न्यायालय, पटना में CWIC NO 4053/2017 याचिका दायर किया गया जिसमें माननीय उच्च न्यायालय पटना द्वारा दिनांक-15/02/2018 को पारित न्यायादेश में निदेशक, प्राथमिक शिक्षा बिहार को 3 महीने के अन्दर नियमसंगत कार्रवई हेतु निदेश दिया गया। लेकिन माननीय उच्च न्यायालय, पटना द्वारा पारित आदेश के 3 वर्ष से अधिक समय बीत जाने के बाद भी किसी प्रकार की नियुक्ति की कार्रवाई नही हुई। जो चिंता का विषय है।
जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) समस्तीपुर से दूरभाष पर संपर्क कर मामले की जानकारी लेने का प्रयास किया गया फोन नही लगने के कारण पक्ष नही लिखा गया
Leave a Reply