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शिक्षा की अलख जगाने वाला शिक्षक कभी रिटायर नही होता-बीईओ

Samastipur :- बिथान:-सेवा से निवृत्ति जीवन की एक सतत प्रक्रिया है। इसे रोका नहीं जा सकता है। सेवानिवृत्ति वरिष्ठता की परिचायक है। यह कर्तव्यों से मुक्ति नहीं प्रदान करता है बल्कि उसे कुछ और करने के लिए प्रेरित करता है। इस बात को जो समझ जाता है उसका जीवन सार्थक हो जाता है। उक्त बातें शुक्रवार को उच्च माध्यमिक विद्यालय बेलसंडी में विद्यालय के शिक्षक कामेश्वर कालेलकर के सम्मान में आयोजित विदाई सह सम्मान समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए पूर्व विधायक राज कुमार राय ने कही। उन्होंने कहा कि शिक्षक जहां सभ्य समाज का निर्माण करता है वहीं राष्ट्र को एक नई दिशा भी प्रदान करता है। उन्हने कहा कि शिक्षकों के सम्मान के लिए हमेशा मैं तत्पर रहूंगा। संसाधनों की कमी नहीं होने दी जायेगी तथा शिक्षा की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होने दिया जायेगा।व्यक्ति का अच्छा कार्य स्वतः ही उसकी प्रशंसा करा देता है।साथ ही उन्होंने श्री कालेलकर से पूर्व की भांति विद्यालय में अपना बहुमूल्य समय देने का आग्रह किया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता राम नारायण राही एवं संचालन अशोक कुमार विमल ने किया। समारोह में विद्यालय की छात्र-छात्राओं द्वारा स्वागत एवं विदाई गीत प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम में विद्यालय परिवार द्वारा श्री कालेलकर को अंग वस्त्र, पाग,चादर,फूल मालाओं से स्वागत किया।वहीं उपस्थित शिक्षकों ने भी उपहार भेंट कर इनके उज्जवल भविष्य की कामना की। विद्यालय की प्रभारी प्रधानाध्यापिका रंजना कुमारी ने विद्यालय में उनके योगदान की सराहना की।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विशिष्ट अतिथि बीईओ श्री मनोज कुमार मिश्र ने कहा कि श्री कामेश्वर कालेलकर का 10 वर्षों का कार्यकाल निर्विवाद रहा। इन्होंने अपने कर्तव्य का ईमानदारी से पालन किया है। उन्होंने कहा शिक्षा की अलख जगाने वाला शिक्षक कभी रिटायर नही होता।सरकारी नौकरी में योगदान और सेवानिवृत्ति होती ही है। हम सभी की ईश्वर से कामना है कि अब आप सब अपने घर परिवार के साथ खुशहाल जीवन व्यतीत करें। उन्होंने कहा कि बच्चों को ज्ञान देने वाले शिक्षक ईश्वर स्वरूप होते हैं। जो आपके दिल में हैं, वे कैसे आप से अलग हो सकते हैं।शिक्षकों का जीवन ही सेवा के लिए होता है। ऐसे महापुरुष कभी सेवानिवृत्त नहीं हो सकते है, बल्कि जवाबदेही बदल जाती है।अब आज से कार्य एवं दायित्व और बढ़ जायेंगे।

अध्यक्षता कर रहे राम नारायण राही ने कहा कि सेवानिवृत्त हुए शिक्षक सादगी के प्रतीक है। इनके कार्य अनुकरणीय है। हम सभी को इनसे प्रेरण लेनी चाहिए। इस अवसर पर पूर्व सीआरसीसी कृष्णदेव कौशल,पूर्व बीआरपी गुणानंद प्रसाद,शिक्षक प्रतिनिधि रंजीत कुमार रमण,बालविजय कुमार,अनिल कुमार प्रभाकर,मनीष कुमार सिंह,किशोर कुमार सिंह, लालबाबू यादव,राजेश कुमार राउत, प्रमोद कुमार सिंह,विजेन्द्र कुमार, शशिभूषण,राम करण राय,विनोद कुमार,राकेश कुमार,शबाना खातुन,संजू कुमारी,सुलोचना कुमारी,श्वेतमा कुमारी,सीता कुमारी,समाजसेवी मदन कुमार निराला,जीवछ कुमार राय, रविन्द्र कुमार, राजेश कुमार,संजीव कुमार यादव,रजनीश कुमार राजू,समेत बड़ी में संख्या शिक्षक व शिक्षिकाएं उपस्थित रहे।

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