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सडक सुरक्षा सप्ताह का जिलाधिकारी ने किया शुभारंभ

गया जिला में आम जनों को यातायात के नियमों एवं सुरक्षा संबंधी आवश्यक जानकारी देने के उद्देश्य से राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा सप्ताह 11 जनवरी से 17 जनवरी की शुरुआत आज जिला पदाधिकारी गया डॉ त्यागराजन एसएम द्वारा हरी झंडी दिखाकर एक जागरूकता रथ एवं पांच ई रिक्शा गया के विभिन्न अनुमंडल एवं प्रखंडों के लिये रवाना किया गया है। यह सभी जागरूकता वाहन घूम घूम कर जागरूकता अभियान चलाने का कार्य करेगा, इसके साथ लोगों को जागरूकता हेतु पर्चा का भी वितरण किया जाएग।
जिला स्वास्थ्य समिति जिला सड़क सुरक्षा समिति एवं युवा प्रयास के संयुक्त तत्वधान में सड़क सुरक्षा सप्ताह के अंतर्गत विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन पूरे सप्ताह किया जाएगा, जिसमें सेमिनार, नुक्कड़ सभा एवं विभिन्न माध्यमों से सड़क सुरक्षा नियम का पालन कराने हेतु जिला के लोगों को प्रेरित किया जाएगा।
गया जिले में यातायात सड़क सुरक्षा हेतु लोगों को जागरूक करने, वाहन चालकों एवं वाहन मालिकों को सड़क सुरक्षा एवं यातायात के नियमों से विस्तारपूर्वक अवगत भी इसी सड़क सुरक्षा सप्ताह में किया जाएगा। रथ को हरी झंडी दिखाने के दौरान उप विकास आयुक्त, ज़िला परिवहन पदाधिकारी, युवा प्रयास के अध्यक्ष कौशलेंद्र कुमार, युवा प्रयास के सचिव शमीम उल हक, परवेज आलम, लालजी प्रसाद, शमशेर खान, एवं परिवहन विभाग के कर्मचारी गण शामिल थे।जागरूकता अभियान पूरे सप्ताह भर जिला के विभिन्न मुख्य स्थानों चौराहों संस्थानों में घूम घूम कर सड़क नियमों के पालन खासकर छात्र नौजवानों को प्रेरित करेगा।
जिला पदाधिकारी, गया ने कहा कि यातायात के नियमों की जानकारी न होने एवं सड़कों पर गलत ढंग से वाहन चलाने, ट्रैफिक सिग्नल की जानकारी न होने एवं असावधानी के साथ वाहन चलाने के कारण अधिकतर दुर्घटनाएं होती है। इस जागरूकता रथ के माध्यम से लोगों को, वाहन चालकों को सड़क सुरक्षा संबंधी नियमों की जानकारी, हेलमेट का उपयोग, वाहन पर निर्धारित यात्रियों के बैठने और ट्रैफिक सिग्नल संबंधी बातों को विस्तार पूर्वक जानकारी दी जाएगी, ताकि लोग सुरक्षित यात्रा एवं वाहन चालन कर सकें। गुड सेमेरेटन अवार्ड यानी जो भी एक्सीडेंट तथा सड़क के किनारे किसी व्यक्ति को मदद करने में जो लोग आगे रहते हैं और प्रायः यह देखा जाता है कि रोड पर एक्सीडेंट होता है तो बहुत कम ऐसे लोग होते हैं जो उन्हें मदद करते हैं।उनकी जान बचाने में मदद करते हैं। वैसे लोगों को आगे बढ़ाना है। अधिक से अधिक लोगों को प्रेरित भी करना है। इसी मकसद से ऐसे लोगों को चिन्हित करके अवार्ड एवं प्रशस्ति पत्र दिए जाते हैं। आज दो लोगों को प्रशस्ति पत्र दिया गया है। सड़क सुरक्षा सप्ताह का नियम तथा परिवहन विभाग के जो नियम है एवं एक्सटेंट कम करने के जो भी प्रिकॉशन है उसे पालन कराने हेतु लोगों के बीच विशेष जागरूक किया जाएगा।
बुधवार को इस अवसर पर जिला परिवहन पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि लोग यातायात के नियमों का पालन, सीट बेल्ट एवं हेलमेट का उपयोग, ट्रैफिक सिग्नल की पहचान इत्यादि सावधानी एवं कार्यों को समझे तो सड़क दुर्घटनाओं में काफी हद तक कमी आएगी। परिवहन विभाग द्वारा सड़क सुरक्षा से संबंधित विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम इस माह में आयोजित किए जाएंगे।
परिवहन विभाग द्वारा सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियान के तहत लोगों को जागरूक हेतु एडवाइजरी जारी किया गया है, जो इस प्रकार से है
*सड़क सुरक्षा हमारी प्रतिबद्धता-सड़क सुरक्षा जीवन रक्षा*
भारत देश में प्रति मिनट एक सड़क दुर्घटना होती है एवं प्रति 4 मिनट पर एक व्यक्ति की सड़क दुर्घटना मे मृत्यु होती है। सड़क पर होने वाली 78 प्रतिशत दुर्घटनाएं मानवीय भूल चालक की लापरवाही के चलते होती है।

निम्नलिखित सावधानियाँ बरतने से हम इन दुर्घटनाओं को नियंत्रित कर सकते हैं एवं सड़क यात्रा को सुरक्षित एवं सुखद बना सकते हैं-
1. दोपहिया वाहन चलाते वक्त आई.एस.आई. मार्क हेलमेट पहनें। अच्छी गुणवत्ता के हेलमेट से सिर पर चोट लगने की संभावना 80 प्रतिशत कम हो जाती है।
2. ड्राइविंग के दौरान मोबाईल फोन का इस्तेमाल न करें। ड्राइविंग के दौरान मोबाईल फोन के इस्तेमाल से हमारी 50 प्रतिशत इन्द्रियों का ध्यान बंट जाता है ।
3. सड़क पार करने हेतु जेब्रा क्रॉसिंग का प्रयोग करें।
4. सीट बेल्ट लगाएँ और सुक्षित चलें। ड्राइविंग के समय सीट बेल्ट लगाने पर दुर्घटना के दौरान उस व्यक्ति की मौत का जोखिम 50 प्रतिशत कम हो जाता है
5. तीव्र गति एवं अनियंत्रित ढंग से वाहन चालन न करें। वाहन चलाते समय शांत एवं संतुलित रहें। 100 कि.मी. प्रति घंटा गति वाले वाहन के टकरख का प्रभाव 12 मंजिला भवन से गिरने के समान होता है।
6. सड़क पर दुर्घटना से आहत व्यक्ति की मदद करें। सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति की शीघ्र प्राथमिक उपचार कराने पर उसके बहुमूल्य जीवन को बचाया जा सकता है। इसके लिए आप 108 एवं 102 नम्बर डायल कर निःशुल्क एम्बुलेंस की सेवा प्राप्त कर चिकित्सीय सुविधा प्राप्त कर सकते हैं।
7. रोड पर अनुशासित ढंग से चलें एवं यातायात संकेतों का पालन करें।
8. अपने लेन में वाहन चलाना सुरक्षित है । लेन बदलते समय संकेतक (Indicator) का इस्तेमाल करें और गति धीमी रखें।
9. ओवरटेकिंग से परहेज करें।
10. ओवरलोडिंग खतरनाक है, ओवरलोडिंग न करें।

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