जन सुराज पदयात्रा के 88वें दिन की शुरुआत पूर्वी चंपारण के मेहसी स्थित पदयात्रा शिविर में सर्वधर्म प्रार्थना से हुई। इसके बाद प्रशांत किशोर ने स्थानीय मीडिया से बात की। प्रशांत अबतक पदयात्रा के माध्यम से लगभग 1000 किमी से अधिक पैदल चल चुके हैं। इसमें 550 किमी से अधिक पश्चिम चंपारण में पदयात्रा हुई और शिवहर में 130 किमी से अधिक वे पैदल चलें। पूर्वी चंपारण में अबतक 350 किमी से अधिक पैदल चल चुके हैं। पदयात्रा का अबताक का अनुभव साझा करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा बिहार में अबतक जो सबसे बड़ी समस्या निकल कर आई है वह बेरोजगारी और भयावह पलायन है। यह बात तो पटना में बैठकर भी कही जा सकती है लेकिन पदयात्रा के दौरान जब हम गांव से गुजर रहे हैं जब इसकी जब इसकी विकरालता का अनुभव हो रहा है।
नीतीश कुमार की 5 जनवरी से पश्चिम चंपारण में प्रस्तावित यात्रा पर पर तंज कसते हुए प्रशांत किशोर ने कहा उन्हें इस बात की खुशी है कि हमारे जन सुराज पदयात्रा पर चलने से बिहार के नेताओं को एक दबाव के तौर पर ही सही कम से कम चुनावी मौसम के अलावा भी जमीन पर आने के लिए विवश होना पड़ा है। नीतीश कुमार पर हमला करते हुए प्रशांत ने कहा कम से कम इसी बहाने नीतीश कुमार पटना से बाहर हेलीकॉप्टर और गाड़ियों के माध्यम से यात्रा पर निकल रहे हैं और उनका यह कदम स्वागत योग्य है। उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि जो पश्चिम चंपारण के ज्वलंत मुद्दे हैं नीतीश कुमार उनपर समीक्षा कर समाधान करेंगे। मुझे उम्मीद है कि नीतीश कुमार पश्चिम चंपारण के नवलपुर-बेतिया रोड पर जाएंगे जहां के लोग पिछले 15 साल से विकास के लिए संघर्षरत है ताकि उस सड़क को बनाया जा सके। मेरा अनुमान है कि नीतीश कुमार मसान नदी से होने वाले कटाव की वजह से त्रस्त पश्चिम चंपारण के स्थानीय लोगों की परेशानियों का समाधान करेंगे। प्रशांत ने कहा जिस वाल्मीकि नगर से नीतीश कुमार हमेशा अपनी यात्रा की शुरुआत करते हैं वहां के स्थानीय लोग वन राज्य अधिनियम के तहत अपनी जमीन, मिट्टी, बालू के अधिकारों को आंदोलनरत हैं। उन्हें उम्मीद है कि जो अधिकार स्थानीय लोगो के छीन लिए गए हैं उनपर नीतीश कुमार में कुछ समाधान करेंगे। प्रशांत किशोर ने तेजस्वी यादव के 10 लाख नौकरी देने के वादे पर तंज कसते हुए कहा कि बीते दिन बिहार के लोगों ने देखा कि BTET और CTET पास किए लड़को को डाक बंगला चौराहे पर दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया। इन नेताओं को अगर 10 लाख नौकरी देनी होती, तो इन BTET-CTET पास किए शिक्षकों को नौकरी एक कलम से दे दी होती। झूठे वादे करना लोगों को बरगलाना, भ्रम में रखना इनकी पुरानी आदत है। आगे उन्होंने कहा कि बिहार सरकार के संविदा कर्मियों के भरोसे पर ही आश्रित है। बिहार की सरकार बिहार की शिक्षा में शिक्षा स्वास्थ्य व्यवस्था केवल पेपर पर ही चलाया जा रहा है, जितने प्राथमिक विद्यालय हैं उन्हें कागजों पर ही उच्च विद्यालय बना दिए गए हैं । केवल कागजों पर ही सारे विद्यालयों-शिक्षक सब आ गए हैं। बिहार में पेपर पर ही सारी व्यवस्था हो गई जबकि जमीनी हकीकत पर यह तस्वीर उल्टी हैं। जन सुराज पदयात्रा के 88वें दिन मीडिया से किसानों की समस्याओं पर बात करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि आज किसानों की सबसे बड़ी समस्या खाद-बीज की अनुपलब्धता और कालाबाजारी है। प्रशांत ने कहा कि किसानों ने गेहूं की बुवाई शुरू कर दी है। अब समय से खाद नहीं मिल पाने के कारण उनकी फसलें खराब होने के संकट से गुजर रही है। इसके साथ ही प्रशांत ने कहा कि यूरिया की कालाबाजारी हद तक है कि सुबह 4 बजे से महिलाओं को लाइन में लगना पड़ता है उसके बावजूद उन्हें यूरिया नहीं उपलब्ध हो पाता। प्रशांत किशोर ने बताया कि यूरिया कालाबाजारी के नेटवर्क से बिहार का यूरिया में नेपाल शिफ्ट हो रहा है जिसकी वजह से बिहार के किसानों को यूरिया अनुपलब्ध है। इसके साथ ही किसानों को उनकी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य ना मिलना भी एक गंभीर समस्या है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना में हो रहे भ्रष्टाचार पर बोलते हुए प्रशांत किशोर ने कहा, “ज्यादातर लोगों को पांच किलो अनाज नहीं मिलता है, उन्हें चार या साढ़े चार किलो ही अनाज मिलता है। व्यवस्थित तरीके से 40 रुपया प्रति क्विंटल के हिसाब से विधायक से लेकर अफसर और जन प्रतिनिधि तक व्यवस्थित तरीके से गरीब जनता से काट रहे हैं। मौजूदा समय में सरकार की दो योजनाएं चल रही। एक प्रधानमंत्री आवास योजना जिसमे 25 से 40 हजार रुपए तक घुस की राशि ली जाती है, और दूसरी प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना जिसमे विधायक समेत जनप्रतिनिधि और अफसर मिलकर 40 रुपया प्रति क्विंटल ले रहे है जिसकी वजह से लाभार्थियों को पांच के बजाए 4 या 4.5 किलो ही अनाज मिल रहा है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना का लाभ उनके ही पार्टी के ज्यादातर विधायक और नेता उठा रहे हैं।”
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