प्रशांत किशोर ने 3500 किमी लंबी जन सुराज पदयात्रा के 100 किमी पूरे कर लिए। इस मौके पर पदयात्रा शिविर में उन्होंने मीडिया से बातचीत की। पदयात्रा का अनुभव साझा करते हुए प्रशांत किशोर ने बताया कि वे पदयात्रा में रोज लगभग 15-20 किलोमीटर चलते हैं और जब 15 से 20 पंचायत का भ्रमण हो जाता है तब एक जगह रुकते हैं, ताकि जिन पंचायतों से पदयात्रा गुजरी है, वहां के स्थानीय जन समस्याओं पर लोगों से मिलकर उसे सुन व समझ कर उसे संकलन कर पंचायत आधारित ब्लूप्रिंट बना सकें।
जिले के बलथर मामले पर बोले प्रशांत किशोर – ग्रामीणों व प्रशासन के बीच विश्वास जरुरी
चर्चित बलथर प्रकरण पर बात करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि यह मामला संवेदनशील है, इसलिए मेरा सुझाव है कि प्रशासन और ग्रामीणों के बीच में जो डर का माहौल है उसे प्राथमिकता के आधार पर खत्म करने का प्रयास किया जाए। इस मामले से जुड़े 700-800 पीड़ित परिवारों के सदस्यों से मिलने के बाद मेरा सुझाव है कि सभी परिवार मिलकर एक समिति बनाएं और अपने प्रतिनिधि चुने। इसके बाद प्रशासन और ग्रामीणों के बीच मध्यस्थता का रास्ता निकले और दोबारा ग्रामीण और प्रशासन के बीच विश्वास कायम हो सके।
जन सुराज भविष्य का सबसे बड़ा क्राउड फंडिंग का प्लेटफार्म बनेगा
जन सुराज पदयात्रा के लिए पैसा कहां से आ रहा है, इस सवाल का जवाब देते हुए प्रशांत किशोर ने कहा, “पिछले 10 सालों में मैंने जिन नेताओं और दलों के लिए काम किया, जिनके भी जीत में अपना कंधा लगाया, वे सभी लोग बिहार में हो रहे इस नए प्रयोग में हमारी मदद कर रहे हैं। इसके अलावा हमलोग क्राउड फंडिंग के लिए भी एक बड़ी व्यवस्था खड़ी कर रहे हैं। यह अब तक की सबसे बड़ी क्राउड फंडिंग की व्यवस्था होगी और जो भी लोग इसमें अपना आर्थिक योगदान देना चाहते हैं वो दे सकेंगे। जनता के सहयोग से ही जन सुराज अभियान को आगे ले जाने का प्रयास है।