गया :- पिछले कई दशकों से गया जिला अत्यंत नक्सल उत्पीडित जिला रहा है और इसमें भी छक्करबंधा क्षेत्र सुरक्षा बलों के लिए एक चुनौती बना हुआ था । इस दुर्गम जटिल और नक्सलियों के गढ़ में जिसे उन्होंने विभिन्न प्रकार की अनगिनत आई.ई.डी. लगाकर अपने आप को सुरक्षित घेरे में रखा हुआ था । इस प्रकार की परिस्थिति में श्री कमलेश सिंह ने दिनांक 01/09/2021 से 159 बटा0 बल का कार्यभार ग्रहण करके इस क्षेत्र में योजनाबद्ध तरीके से कार्य आरम्भ किया और प्रत्येक कम्पनी में एक ऐसी टुकडी का निर्माण किया और उनका मनोबल इस स्तर तक पहुॅचाने में सफलता प्राप्त कि जिसके कारण वे छक्क्रबंधा में किसी भी क्षेत्र में अपने स्तर पर ऑपरेशन करने में सफल हो गए। जिसके पश्चात इस जनवरी -2022 से बिहार सेक्टर, सीआरपीएफ.के महानिरीक्षक श्री अमित कुमार के मार्गदर्शन में सघन, नियमित एवं नियंत्रित अभियान चलाकर बहुत बड़े पैमाने पर आई.ई.डी. बनाने की सामग्री, डेटोनेटर, केन बम, गोला-बारुद, फैक्ट्री मेड हथियार, नक्सली साहित्य, वायरलेस सेट लैपटॉप, मोबाईल फोन, ड्रोन और अन्य सामग्री जब्त करने में सफलता पाई। साथ ही साथ इलाको के लंगुराही, पंचरुखिया और नागोबार में कैम्प बनाकर नक्सलियों के इस गढ को मटियामेट करने में सफलता प्राप्त की है जो एक मिसाल है। उपरोक्त सभी सफलतायें कमलेश सिहं के कुशल मार्गदर्शन में मात्र एक वर्ष के कार्यकाल में प्राप्त की गई है । अपने सेवाकाल में कमलेश सिंह कमाण्डेंट 159 बटालियन बल को डी.जी.डिस्क एवं सराहनीय कार्यो के लिए राष्ट्रपति के पुलिस पदक से अलंकृत किया गया है ।
नवागंतुक कमाण्डेंट कुमार मंयक जो इस बटालियन का कार्यभार ग्रहण करने जा रहे है ने राजपत्रित अधिकारी के रूप में नियुक्त होकर इस बल में 25/02/2000 को पदार्पण किया । आतंरिक सुरक्षा अकादमी माउंट आबू में बुनियादी प्रशिक्षण के पश्चात अति उग्रवाद प्रभावित राज्य मणिपुर में प्रथम तैनाती हुई । इसके पश्चात महोदय की तैनाती समूह केन्द्र भूवनेश्वर 43 बटालियन, 70 बटालियन आर.टी.सी.श्रीनगर,182 बटालियन में रहे हैं। महोदय ने वर्ष 2012 से 2017 के दरमियान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभियान के रुप में बिहार राज्य के नक्सल प्रभावित जिला बेगुसराय / जमुई/ लखीसराय में नक्सल अभियान को अंजाम दिया और नक्सल गतिविधियों में रोक लगाने में सफलता प्राप्त की । महोदय दिनांक 24/06/2020 से 04/08/2022 तक सेंट्रल जोन में वित्तीय सलाहकार के रूप में तैनात रहे है । इसी अवधि के दौरान वर्ष 2020 में 182 बटालियन में वीरता का पुलिस पदक मिला इसके अतिरिक्त अपने सेवाकाल के दौरान उन्हें 05 परिचालनिक डी.जी. डिस्क, आन्तरिक सुरक्षा पदक से अलंकृत किया गया है ।