धीरज गुप्ता की रिपोर्ट।
गया बोधगया में आईआईएम में महिला सशक्तिकरण सभा का आयोजन किया गयाहै ।
इस सभा को पुलिस महानिरीक्षक अरविंद पांडेय एवं महिला थाना गया ने प्रायोजित किया था।।इस सभा में कई सम्मानित अतिथि शामिल हुए हैं ।मुख्या अतिथि के रूप में गया एसएसपी सुश्री हरप्रीत कौर एवं श्री सुरेश कुमार कार्यकारी निदेशक, सेंटर डायरेक्टरगया मौजूद थे।
डॉ विनीता सहाय, डायरेक्टर , आईआईएम बोधगया ने सभी छात्रों एवं पुलिस महकमे से आये हुए अतिथियों का स्वागत किया गया है।
डॉ सहाय ने महिला सशक्तिकरण के विषय को उठाने के लिए श्रीमती हरप्रीत कौर का धन्यवाद् किया है। |
सुरेश कुमार ने बाल तस्करी, महिला तस्करी एवं इस तरह के संगठित अपराध जो समाज के कमजोर तबकों के परिवारों को नकारात्मक रूप से प्रभावित करते है के बारे में श्रोताओ को अवगत कराया है।
गया जिला महिला थानाध्यक्ष रविरंजना कुमारी ने अपराध के वक़्त किये जा सकने वाले कई उपायों के बारे में जो की निम्नलिखित है।
अकेले में फसने पर मोबाइल फ़ोन का स्टार्ट बटन तीन बार दबाने से 112 नंबर पर कॉल लग जाएगी जो की पुलिस को कनेक्ट करेगी और सहायता मांगी जा सकती है
* लिफ्ट में कोई हिंसा की आशंका होने पर लिफ्ट के सारे बटन दबाने से लिफ्ट हर फ्लोर में रुकेगी और सहायता मांगी जा सकती है।
* बस या ट्रैन में विंडो सीट से अलग बैठने से चैन स्नैचिंग जैसी घटना से बचा जा सकता है।
*किसी पुरुष मित्र या जानकार की और से अशोभनीय टिप्पणी का उसी वक़्त जवाब दे।
*रात में किसी सुनसान जगह पर गाडी रोकने से बचे एवं आपराधिक प्रवृति के लोग उस तरह की जगह पर घात लगा क्र बैठते है।
* दोपहिया वाहन पर हेलमेट पहन कर चलना जिससे जरूरत पड़ने पर हेलमेट का उपयोग हथियार के रूप में भी किया जा सके।
हरप्रीत कौर भारतीय पुलिस सेवा एवं, वरीय पुलिस अध्यक्ष, गया जो अपनी अद्भुत कार्यशैली से अत्यधिक प्रतिष्ठित है ने किशोरियों एवं महिलाओ की सुरक्षा के सम्बन्ध में पुलिस की भूमिका विषय पर हम सभी को प्रबुद्ध करेंगी । एएसपी गया हरप्रीत कौर ने महिलाओ की सुरक्षा के कानून के बारे में छात्रों को समझाया डिप्टी एसपी गया ने पॉक्सो एक्ट, 2012 के बारे में भी जागरूक किया गया है।
कुमारी चंद्रमणि संगीता ओर अभिरुचि ने महिलाओ पर हिंसा के प्रकार जो की मुख्यतः चार तरह से वर्णित है के बारे में बताया।
उन्होंने बताया की हिंसा शारीरिक मौखिक यौनिक एवं आर्थिक होती है। उन्होंने यह भी बताया की हिंसा एवं प्रेम में अंतर स्थापित करना अत्यंत महत्वपूर्ण है जिससे महिलाओ को शोषित होने से बचाया जा सके।