धीरज गुप्ता की रिपोर्ट।
गया:- सावन के आते ही चारों तरफ हरियाली छा जाती है । हरा रंग सौभाग्य का रंग माना जाता है । सावन में सुहागिन महिलाएं हरे रंग के वस्त्र और चूड़ियां पहनती हैं । हरा रंग प्रेम , प्रसन्नता और खुशी की प्रतीक भी माना जाता है । इसी वजह से महिलाएं सावन के महीने में हरे रंग का सिंगार करके भगवान और प्रकृति को धन्यवाद देती हैं ।गया स्थित माहुरी वैश्य मंडल भवन में आज महिलाओं के द्वारा सावन मिलन समारोह का आयोजन किया गया है। इस कार्यक्रम का मंच संचालन महिला समिति मीडिया प्रभारी नेहा चरणपहाड़ी ने किया है।
इस कार्यक्रम की शुरुआत मंच पर दीप प्रज्वलित कर शुरू हुआ। वहीं महिलाओं द्वारा गाये गए सावन के पारंपरिक गीतों एवं नृत्यों ने सबका मन मोह लिया।हरे परिधान में सजी महिलाओं ने मेंहदी प्रतियोगिता के साथ कई तरह के मनोरंजक खेलों में भाग लिया है।
इस दौरान पूरा समारोह स्थल हरे रंग में रंग गया ।वहीं महिला समिति की अध्यक्ष सुषमा वैश्यकियार एवं सचिव सचिव सुषमा सोनी लोहानी के द्वारा आयोजित मनोरंजन व खेलकूद प्रतियोगिता भी काफी मजेदार रहा । नृत्य प्रतियोगिता में जहां समस्त महिला समिति के सदस्य उपस्थित थे । वहीं म्यूजिकल चेयर एवं पासिंग बॉल एवं कई और प्रतियोगिता हुआ जिसमें सभी विनर को पुरस्कृत किया गया है । इस आयोजन में माहुरी वैश्य मंडल, नवयुवक समिति के सभी कार्यकारिणी सदस्य उपस्थित थे ।
महिलायें क्यों पहनती हैं हरे वस्त्र हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार भगवान शिव को भी हरा रंग प्रिय होता है इसी कारण से सावन के महीने में हरा रंग पहनना शुभ माना जाता है । शास्त्रों के मुताबिक प्रकृति को ईश्वर का स्वरूप माना जाता है । इसी कारण से इस पूरे महीने हरा रंग पहनने वालों पर प्रकृति की विशेष कृपा होती है । हरा रंग बुध ग्रह का भी प्रतीक माना जाता है । वहीं भगवान शिव का प्रकृति से विशेष जुड़ाव है । भक्त भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए हरे रंग के वस्त्र पहनते हैं । साथ ही सावन के महीने में हरे रंग की चूड़ियां पहनने वाली महिलाओं पर भगवान विष्णु का आशीर्वाद भी बना रहता है ।
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