विनोद शर्मा की रिपोर्ट।
छौड़ाही (बेगूसराय) : हत्या कर फंदे पर युवक का शव लटका देने की घटना के दो दिन भी नहीं हुए की छौड़ाही ओपी क्षेत्र के परोड़ा पंचायत में अपराधियों ने पंचायत के उप मुखिया के बहन का ही घर में घुसकर अपहरण कर लिया। ग्रामीणों ने गांव के ही नामजद दबंग आरोपितों का पीछा भी किया लेकिन सभी मोटरसाइकिल पर नाबालिग को ले भागने में सफल रहे। स्वजनों का आरोप की छौड़ाही पुलिस को शनिवार सुबह ही प्राथमिकी दर्ज करने हेतु लिखित शिकायत दी गई। लेकिन, अभी तक न प्राथमिकी दर्ज की है नाही, नाबालिक के खोजबीन के लिए कोई कदम उठा रही है। रविवार को थाना पहुंचे उप मुखिया ने प्राथमिकी दर्ज नहीं होते देख थाना में दिए आवेदन दिखाते हुए मामला उजागर किया। तब जानकारी सार्वजनिक हो सकी। परोड़ा पंचायत में लगातार घट रहे गंभीर घटनाओं एवं पुलिस की शीतलता से ग्रामीणों में दहशत के साथ-साथ आक्रोश भी देखा जा रहा है।
घटना के संबंध में परोड़ा पंचायत के ब्रह्मपुरा गांव निवासी नरेश महतो के पुत्र परोड़ा पंचायत के उप मुखिया गोपाल कुमार द्वारा प्राथमिकी दर्ज करने हेतु दिए आवेदन में उप मुखिया का कहना है कि गुरुवार की रात लगभग 11:00 बजे परोड़ा ब्रह्मपुरा निवासी अनिरुद्ध कुमार, नीतीश कुमार, पवन यादव समेत आधा दर्जन लोग चुपके से दरवाजा खोलकर उनके घर मे प्रवेश कर गए। आरोपित उनके 17 वर्षीय नाबालिग बहन जो, आंगन में सो रही थी उसे जबरन अपहरण कर ले जाने लगे।
घर के बाहर मोटरसाइकिल की तेज आवाज सुन घर के लोगों की नींद खुली तो देखा कि नीतीश कुमार मोटरसाइकिल स्टार्ट किए हुए हैं और अनिरुद्ध कुमार जबरन उनकी नाबालिग बहन को मोटरसाइकिल पर बैठा कर भाग रहा है। ग्रामीण भी हल्का सुन तब तक जाग गए थे। उप मुखिया के बहन का अपहरण होते देख ग्रामीणों ने मोटरसाइकिल से भाग रहे आरोपितों का पीछा भी किया। लेकिन सभी भागने में सफल रहे। दर्जनों ग्रामीण के साथ रात में हम लोग बहन की खोज में लगे रहे। फिर, रात में ही अन्य कारणों के साथ-साथ नाबालिक बहन का शादी के लिए भी जबरन अपहरण कर लेने की आशंका जता प्राथमिकी दर्ज करने हेतु छौड़ाही थाना में लिखित आवेदन दिया।
दूसरी तरफ प्राथमिकी दर्ज नहीं होने से नाराज उप मुखिया ने बताया कि बहन के अपहरण हुए अब तीन दिन से ज्यादा हो गया है। नामजद आरोपितों के विरुद्ध कार्रवाई के लिए आवेदन दिया था। घटना के रात ही आरोपितों के घर से आने के बाद पुलिस चुपचाप बैठ गई है। प्राथमिकी दर्ज करने कहते हैं तो सुबह शाम थाना बुलाया जाता है। लेकिन प्राथमिकी दर्ज नहीं हो पा रही है। आज प्राथमिकी दर्ज करने का दवाब दिए तो पुलिस पदाधिकारी डांट डपट कर थाना से भगा दिए हैं। आरोपित दबंग है, उन्हें आशंका है कि उनकी बहन के साथ कोई घटना कर दी गई है।
दूसरी तरफ परोड़ा पंचायत के उप मुखिया के बहन के अपहरण की घटना के तीन दिन बाद भी प्राथमिकी दर्ज नहीं हो पाने से प्रखंड के जनप्रतिनिधि छौड़ाही पुलिस के प्रति काफी आक्रोशित दिख रहे हैं। जनप्रतिनिधियों ने अभिलंब आरोपितों की गिरफ्तारी एवं उप मुखिया के बहन को बरामद करने की मांग की है।
इस संदर्भ में छौड़ाही ओपी अध्यक्ष का कहना है कि पुलिस मामले में भी कार्रवाई कर रही है।