बिहार की धार्मिक राजधानी गया जी में अब हर रोज हजारों गरीब और असहाय लोगों को भूखे पेट नहीं सोना पड़ेगा। आज गयाजी गया विकास समिति के दृढ़ निर्णय ने 2 जून की रोटी के साथ था भर पेट लजीज व्यंजन का स्वाद समाज के अंतिम पायदान पर जीने वाले लोगों को मिल पाएगा और यह कर दिखाया है गया जी के रहने वाले जिम्मेदार नागरिकों ने ,जिसमें अहम भूमिका निभाई है नगर के समाजसेवी मुन्ना डालमिया और पूर्व उपमहापौर मोहन श्रीवास्तव,अनिल स्वामी,अनंत दिश अमन। इन दोनों की दृढ़ इच्छा ने गया जी विकास समिति को जन्म दिया और कारवां अच्छे लोगों की बनती चली गई। दरिद्र नारायण की क्षुधा तृप्ति के लिए गयाजी विकास समिति के समर्पित लोगों ने लजीज स्वादिष्ट व्यंजन बनाने के लिए बड़ी-बड़ी मशीनें लगाई है।
इन मशीनों के माध्यम से रोटियां सब्जियां चावल और कई व्यंजन बनाए जाएंगे। हर दिन सुबह की पहली किरण के साथ गया के नई गोदाम आनंदी माई मंदिर के निकट अन्नपूर्णा रसोई की शुरुआत दरिद्र नारायण की क्षुधा तृप्ति के साथ शुरू हो गयी। हर दिन लगभग 3 से 5 हजार गरीब असहाय लोगों के लिए मात्र ₹10 के अनुदान राशि पर भरपेट रोटी दाल , सब्जी चावल के साथ स्वादिष्ट मधुर मिष्ठान गरीबों के लिए परोसे जाएंगे। गया जी सेवा समिति को कई लोगों ने दिल खोलकर सहयोग करने की अपील की है। अभी से ही कई गया के प्रतिष्ठित नागरिकों ने 50 ,100 , 200 की संख्या में गरीब लोगों के लिए भोजन का जिम्मा उठाने की बातें कही है।