पवित्र सावन माह की पहली सोमवारी मे उमड़ी डाक बंमो एवं श्रद्धालुओं की भीड़,हर हर महादेव के नारों से गुंजायमान हुये। बाबा फुलेश्वर धाम में कोरोना संक्रमण काल के दो बर्ष पश्चात एक बार फिर सावन की पहली सोमवारी मे पांच हजार डाक बंमो की जत्था बाबा फुलेश्वर नाथ मंदिर में जल अर्पित कर अपनी मनोकामना को जलार्पण कर मनोकामना करते दिखें । वही सावन की पहली सोमवारी में डाक बंम की जत्था रविवार को उत्तरवाहिनी गंगा अगवानी घाट पहुंचकर जल भर 65 किलोमीटर दूर बाबा फुलेश्वर नाथ मंदिर मे बाबा को जल अर्पित करने के लिए 3 बजे सुबह से ही भीड़ उमड़ पड़ी। वही प्रशासन के द्वारा सावन की पहली सोमवारी को लेकर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे,ताकि असामाजिक तत्वों की गतिविधियों पर नजर रखी जा सके. चप्पे-चप्पे पर पुलिस के द्वारा निगरानी की जा रही थी। बताते चलें कि फुलेश्वर नाथ मंदिर का इतिहास महाभारत काल के दौरान पांडव को अज्ञातवास के दौरान इस रास्ते होकर द्रोपति को लेकर राजा विराट के यहां विराटपुर जा रहे थे। रात्रि में विश्राम के लिए फुलेश्वर नाथ मंदिर में ठहरे एवं पांच पौधे मंदिर में लगाए जिसे पांडू वृक्ष के नाम से जाना जाता है ।
प्रत्येक वर्ष पवित्र सावन माह की प्रथम सोमवारी में मंदिर परिसर में बाबा को जल अर्पित करने के लिए डाक बम कावड़ियों श्रद्धालुओं का ताता लगा रहता है। श्रद्धालु उत्तरवाहिनी गंगा से जल भर कर 75 किलोमीटर पांव पैदल चल कर फुलेश्वर नाथ मंदिर में जल अर्पित करते हैं। वही सोमवारी को लेकर फुलेश्वर नाथ मंदिर में महिलाओं की भीड़ अधिक देखी गई जो शिवलिंग पर जलाभिषेक कर रहे थे।
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