कोसी नदी के किनारे विद्यालय कब कोसी नदी में समा जायेग कहना मुश्किल, लोगों को सता रहा है डर।

राजकमल कुमार की रिपोर्ट।

कटाव को रोकने के लिए कार्य एजेंसी के द्वारा हाथी पांव, प्रकोपाइन, बंबू रोल, एनसी बैग एवं बांस के झाड़ देने के बाद भी कटाव नहीं रुक रहा है। जिससे ग्रामीणों को चिंतित है। वही कटाव धीरे धीरे जमीन दारी बांध की ओर बढ़ते जा रहा है। जबकि कटाव स्थल से जमीन दारी बांध की दूरी 75 मीटर बताया जा रहा है। बताते चलें कि बीते गुरुवार की रात्रि सरपंच वासा के समीप वर्षों से परे पाखरं के वृक्ष को काटकर अपने गर्भ में समा लिया।

नाम नहीं छापने की शर्त पर दर्जनों मजदूरों ने बताया कि कार्य एजेंसी के लापरवाही के चलते उक्त स्थल पर कटाव नहीं रुक रहा है। लेकिन मजदूरों का कहना है कि जब तक सरपंच वासा के समीप पत्थर का ठोकर नहीं दिया जाएगा तो अबकी वर्ष जमीन दारी बांध को कटने से कोई नहीं रोक सकता है। वही गांधीनगर गांव में विद्यालय कोसी किनारे लटका हुआ है। कब विद्यालय कटकर कोसी के गर्भ में समा जाएगा यह तो कोसी मां ही बताएगी। वही हर रोज 4 से 5 फिट जमीन की कटाई कोसी कर रही है। जिससे ग्रामीण डरे सहमे हुए हैं।

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