बुधवार की सुबह भी अचानक हिंसक गीदड़ का एक झुंड गांव में प्रवेश कर गया एवं गुलटेन झा के दो भैंस, रोहित झा के एक गाय, बाबुल झा के दो गाय, विजय दास के एक गाय, उपेन्द्र दास के एक गाय, नागेन्द्र झा के दो गाय, राम नन्दन साह के एक गाय पर टूट पड़ा एवं नोच खसोट कर लहूलुहान कर दिया। खूटे में बंधे रहने के कारण पालतू दुधारू मवेशियां जोर जोर से आवाज करने लगी।
पशुओं की आवाज सुन ग्रामीण जब घर से निकले तो गीदड़ को मवेशियों को काटकर घायल करते देखा। पशुपालक जब लाठी डंडा लेकर गीदड़ को भगाने का उपक्रम करने लगे तो हिंसक गीदड़ ने मवेशियों पर हमला करना छोड़ बचाने आए पशुपालक पर ही हमला कर दिया। अन्य पशुपालक तो बचने में सफल रहे परंतु, बरदाहा निवासी पशुपालक रवि शंकर कुमार एवं बाबुल कुमार को गीदड़ ने कई जगह काटकर गंभीर रूप से घायल कर दिया। इसके बाद ग्रामीणों ने घेराबंदी कर गीदड़ पर हमला घेराबंदी कर सबसे हिंसक गीदड़ को ग्रामीणों ने मौके पर ही मार डाला। दूसरी तरफ,गुलटेन झा , रोहित झा, बाबुल झा, विजय दास, उपेन्द्र दास, रवि शंकर कुमार, बाबुल कुमार, नागेन्द्र झा, राम नन्दन साह आदि पशुपालक जिनके जिनके पशु घायल हैं का कहना था कि घायल पशुपालक का इलाज तो पीएचसी छौड़ाही मे हो रहा है। परंतु, जब पशुपालक सरकारी पशु चिकित्सक छौड़ाही से मवेशियों के इलाज के लिए आग्रह किए तो उन्होंने अस्पताल में एक रुई का बंडल तक नहीं रहने की बात कहते हुए इलाज करने से इंकर कर दिया एवं प्राइवेट पशु चिकित्सकों से इलाज कराने की सलाह ग्रामीणों को दी। इन ग्रामीणों का कहना था कि सरकार इतना दवा और उपकरण, टीका पशु अस्पताल भेजती है। आज तक एक टेबलेट तक हम पशुपालकों को नहीं दिया गया है। गीदड़ के हमले से घायल पशु तड़प रहे हैं। हम गरीब ग्रामीण प्राइवेट डाक्टर से इलाज कराने में सक्षम नहीं है। ग्रामीणों ने जिलाधिकारी महोदय से पशुओं के इलाज की व्यवस्था कराने की मांग की है।
इस संदर्भ में छौराही प्रखंड के सरकारी भ्रमण पशु चिकित्सक डा विजय कुमार का कहना है कि गीदड़ के हमले से पशुओं के घायल होने की जानकारी पशुपालकों ने दी है। अभी पशु अस्पताल में संसाधनों की घोर कमी है। वैकल्पिक व्यवस्था के तहत इलाज कराने के लिए पशुपालकों को कहा गया है।
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