धीरज गुप्ता की रिपोर्ट।
गया मे मोक्ष की धार्मिक नगरी गयाजी के विष्णु शमशान घाट में गया नगर निगम की ओर से बनाए गए दस प्रदूषण रहित शवदाह मशीन से ही दाह संस्कार अब शुरू हो गया है। देर शाम मेयर वीरेंद्र कुमार उर्फ गणेश पासवान व डिप्टी मेयर अखौरी ओंकार नाथ उर्फ मोहन श्रीवास्तव के देख रेख में यहां प्रदूषण रहित शवदाह में तीन शवों का अंतिम संस्कार किया गया है।
इस संबंध में मेयर-डिप्टी मेयर ने श्मशान घाट स्थित स्थानीय प्रशासन, निगम के पदाधिकारियों, लकड़ी बिक्रेता और डोम राजा के साथ बैठक भी की है।इस बैठक के दौरान तमाम असमंजस सहित लकड़ी बेचने वाले सहित अन्य लोगों की जो समस्या थी, उसे ऑन स्पॉट दूर किया गया है
डिप्टी मेयर मोहन श्रीवास्तव ने कहा कि किसी प्रकार की असमंजस या अफवाह से लोग बचें। प्रदूषण रहित शवदाह में अंतिम संस्कार पूरी तरह से सफलतापूर्वक संपन्न होता है। मुंबई, वाराणसी सहित अन्य राज्यों में भी इस तरह के प्रदूषण रहित शवदाह हैं। जो पूरी तरह सफल हैं।
डिप्टी मेयर ने सभी गया जिलावासियों एव आने वालो से अपील किया कि लोग शव को अंतिम संस्कार के लिए मोक्षदायिनी फल्गु नदी में न जाएं। इस पर रोक भी लगायी गयी है। अब शतप्रतिशत अंतिम संस्कार पूरी हिन्दू रीति रिवाज के साथ प्रदूषण रहित शवदाह में ही कराया जा रहा है।
डिप्टी मेयर ने बताया कि थोड़ी सी असमंजस के कारण शुरुआत में थोड़ी दिक्कतें आयी थी। लेकिन उसे अब दूर कर लिया गया है। अपने देखरेख में प्रदूषण रहित शवदाह में अंतिम संस्कार किया गया। मशीन में तीन मन लकड़ी और डेढ़ घण्टे के अंदर दाह संस्कार किया गया है। उनके परिजनों से फीडबैक लिया गया किसी प्रकार से कोई परेशानी नहीं है।
गया नगर निगम ने लोगों के लिए प्रदूषण रहित शवदाह के पास समीप पार्क, वातानुकूलित हॉल सहित कई सुविधाएं है। ताकि लोगों को किसी प्रकार से परेशानी न हो।
इस बारे डोम राजा ने बताया कि इस मशीन लग जाने से श्मशान घाट की खूबसूरती काफी बढ़ी है। प्रदूषण रहित शवदाह लग जाने काफी सहूलियत हुई है। शुक्रवार इसी मशीन से तीन चिताएं जली है।
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