चंदन कुमार की रिपोर्ट
रोसडा आज पूरा दुनिया मजदूर दिवस मना रहा है ,दुनिया के मजदूर आज अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस को आजादी दिवस के रूप में मना रहा है |आज ही के दिन सन 1886 में मजदूरों के आज़ादी के संघर्ष, जो सूर्योदय से सूर्यास्त तक मजदूरों को काम करना पड़ता था, जिससे उनके बाल बच्चे व आराम का कोई ख्याल पूंजीपति वर्गों ने नहीं रखा था, जिसके लिए मजदूर वर्गों ने संघर्ष जारी किया था| जिसकी मांग थी कि 8 घंटे काम के ,8 घंटे आराम के और 8 घंटे मनोरंजन के |इस लड़ाई में दुनिया भर के हजारों मजदूरों की जानें गई और काफी संघर्ष के बाद सन 1919 में 8 घंटे काम को मान्यता मिली| उसी समय से मजदूर आजाद होकर 1 मई को उत्सव के रूप में मनाने लगे |भारत में सन 1923 में किसान मजदूर हिंदुस्तान पार्टी ने मलियापुरम श्रृंगार वैल्यू चेट्टियार के नेतृत्व में चेन्नई में प्रथम मजदूर दिवस मनाया गया |आज रोसडा़ में भी मजदूरों ने भाकपा कार्यालय महावीर चौक रोसरा में लक्ष्मण पासवान की अध्यक्षता में मई दिवस को ,आजाद दिवस के रुप में समारोह पूर्वक मनाया| समारोह में सर्वप्रथम शहीद बेदी पर वयोवृद्ध किसान नेता सुरेंद्र नारायण सिंह लालन नें पुष्प अर्पित किए एवं फिर उपस्थित सभी लोगों ने पुष्प चढ़ाया| सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि आज मजदूर की स्थिति काफी बद से बदतर होती जा रही है ,दुनिया में सबसे ज्यादा बंधुआ मजदूर भारत में है ,देश में करोड़ों शहरी और ग्रामीण असंगठित मजदूर हैं जिन की सुरक्षा हेतु केंद्र में अबतर कोई कानून नहीं बन पाया है ,कोविड-19 महामारी में भी मजदूर का हालत खराब हुआ है ,आज उनके लिए बनाए गए मनरेगा कानून में भी काफी लूट हो रही है, सारे काम मशीनों के द्वारा कराए जा रहे हैं ,जिसमें केंद्र सरकार को ही दोषी ठहराया जा सकता है ,जहां आम मजदूरी दर 350 से 500 तक है वही सरकारी दर ₹198 लगभग है ,तो यह तो लूट का ही जुगाड़ कहा जाएगा इसे सुधारने की आवश्यकता है |
आज मजदूरों के हक की लड़ाई के लिए संकल्पित होने की जरूरत है, नए श्रम कानून भी मजदूरों के लिए अहित कर है ,ठेका पर बहाली ,नई पेंशन योजना व्यवस्था भी शोषणकारी है| इन सब के लिए सभी प्रकार के मजदूरों को साथ मिलकर लड़ने की जरूरत है |सभा को भाकपा जिला सचिव सुरेंद्र कुमार सिंह मुन्ना ,रामनरेश सिंह, खेमयू नेता सईद अंसारी ,रुमल यादव, रामचंद्र यादव, अनिल महतो, अशोक साह आदि ने संबोधित किया |सभा मैं मोहम्मद निसार गंगा शाह, राजकुमार साह, रामबाबू यादव, सहदेव महतो, धर्मेंद्र महतो,अविनाश कुमार पिंटू, संजय कुमार सिंह, नागेंद्र महतो, जगदीश पासवान ,नीलम देवी आदि दर्जनों लोग शामिल थे|