धीरज गुप्ता की रिपोर्ट
गया मे पिछले कुछ वर्षों में राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) को उच्च शिक्षा में
इलेक्टीव पाठ्यक्रम में शामिल करने के लिए भारत सरकार के संबंधित विभागों द्वारा लगातार मंथन किया जा रहा है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना को मूर्त रूप देने के लिए दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय (सीयूएसबी) ने बिहार – झारखंड एनसीसी निदेशालय के साथ लगातार कांधे से कंधा मिला कर काम किया है। इस प्रस्ताव को अमलीजामा पहनाने के लिए सीयूएसबी की शिक्षक शिक्षा विभाग की सहायक प्राध्यापक एवं एसोसिएट एनसीसी अधिकारी लेफ्टिनेंट डॉ प्रज्ञा गुप्ता ने लगातार प्रयास करते हुए प्रस्ताव के ड्राफ़्ट और उसकी प्रासंगिकता पर वृहत्त रूप से कार्य किया। डॉ. प्रज्ञा गुप्ता को इस परियोजना पर कार्य करने के लिए इंडियन काउंसिल ऑफ सोशल साइंस रिसर्च (आईसीएसएसआर) ने अनुदान जारी किया है। उनके साथ शिक्षक शिक्षा विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. तरुण कुमार त्यागी इस परियोजना पर निदेशक के रूप में कार्य करेंगे।
इंडियन काउंसिल ऑफ सोशल साइंस रिसर्च (आईसीएसएसआर) से मिले अनुदान पर सीयूएसबी के कुलपति प्रो० कामेश्वर नाथ सिंह, कुलसचिव कर्नल राजीव कुमार सिंह, छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. आतिश पराशर एवं शिक्षक शिक्षा विभाग के अध्यक्ष प्रो. कौशल किशोर ने बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। ज्ञात हो कि आईसीएसएसआर ने पिछले कुछ दिनों में विवि के कई अन्य शिक्षकों की शोध परियोजनाओं के लिए अनुदान जारी किया है।
इस परियोजना के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए डॉ. प्रज्ञा गुप्ता ने बताया कि अध्ययन का शीर्षक ‘उच्च शिक्षा में, राष्ट्रीय कैडेट कोर एक वैकल्पिक क्रेडिट पाठ्यक्रम के रूप में: हितधारकों के विचारों का अन्वेषण ‘ है और इसे मेजर रिसर्च प्रोजेक्ट के रुप में वित्त पोषित किया गया है।
उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष 15,अप्रैल 2021 को यूजीसी एवं एआईसीटीई ने एनसीसी पाठ्यक्रम को मंजूरी दी तथा
सीबीसीएस (च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम) के तहत एनसीसी को एक जनरल इलेक्टिव विषय के रूप में देशभर के विश्वविद्यालयों एवं उच्च शिक्षा संस्थानों में लागू करने की स्वीकृति दी। यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में शैक्षणिक व गैर शैक्षणिक गतिविधियों की पृथकता को समाप्त करने के लिए प्रस्तावित किया गया है lइसके पश्चात देश भर में एनसीसी को कई विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षा संस्थानों द्वारा क्रेडिट पाठ्यक्रम के रूप में अपनाया और लागू किया जाने लगा है ।
इसी क्रम में बिहार- झारखण्ड के तीन विश्वविद्यालयों जिसमें ; राँची विश्वविद्यालय, विनोबा भावे विश्वविद्यालय,हज़ारीबाग़ एवं दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय,गया में एनसीसी को जनरल इलेक्टिव विषय के रूप में लागू किया गया है । कई अन्य विश्वविद्यालय और उच्च शिक्षण संस्थान भी इसे क्रियान्वित करना चाहते है किन्तु उन्हें इसे क्रियान्वित करने में कई तकनीकी एवं प्रशासनिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है । इस शोध परियोजना के निष्कर्ष बिहार और झारखंड राज्य में एनसीसी को एक जनरल इलेक्टिव क्रेडिट पाठ्यक्रम के रूप में प्रभावी ढंग से लागू करने में सहायक होंगे l
गौरतलब हो कि हाल ही में लेफ्टिनेंट प्रज्ञा गुप्ता को एनसीसी में योगदान और उनकी अत्यंत निष्ठा , समर्पण और अनुकरणीय प्रदर्शन के लिए वर्ष 2021-2022 के लिए रक्षा सचिव प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया है। यह पहली बार है जब गया समूह मुख्यालय के एएनओ को रक्षा सचिव प्रशस्ति पत्र मिला है।
इस गौरवपूर्ण क्षण पर मेजर जनरल एम इंद्र बालन अपर महानिदेशक बिहार और झारखंड डायरेक्टरेट एनसीसी, ग्रुप कमांडर गया मुख्यालय एनसीसी, ब्रिगेडियर सीसी जलील और कमांडिंग ऑफिसर 27 बिहार बीएन एनसीसी, कर्नल एम के चौहान, प्रशासनिक अधिकारी कर्नल जेएन कुमार और गया ग्रुप के अन्य सभी एनसीसी अधिकारियों और कर्मचारियों ने उन्हें बधाई दी । लेफ्टिनेंट प्रज्ञा और डॉ. तरुण कुमार त्यागी ने सीयूएसबी के पदाधिकारियों और एनसीसी के अधिकारियों के मार्गदर्शन, निरंतर समर्थन और प्रेरणा और सहयोग के लिए हार्दिक आभार व्यक्त किया।
Leave a Reply