मत्स्यजीवी सहयोग समिति छौड़ाही का कोऑपरेटिव से लाखों के गबन व धोखाधड़ी मामले मे प्राथमिकी दर्ज।

बलवंत चौधरी ( सबकी आठों पहर न्यूज रूम)

* शिकारमाही पर पुलिस रोक और प्राथमिकी दर्ज नही करने को लेकर एसपी कार्यालय के सामने मछुआरे बैठे थे भूख हड़ताल पर।

 

(बेगूसराय) : फर्जी तरीके से छौड़ाही प्रखंड मत्स्यजीवी सहयोग समिति लिमिटेड के खाते से चेक बुक निकासी कर लाखों रुपए गबन करने, पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज नहीं करने, पुलिस द्वारा जलकर से शिकार माही पर मौखिक रोक लगा दिए जाने व छौड़ाही और मंझौल पुलिस के असहयोगात्मक रवैया से तंग आकर समिति के सचिव कैलाश सहनी समेत दर्जनों मछुआरों द्वारा एसपी कार्यालय के सामने भूख हड़ताल पर बैठे रहने के बाद एसपी के आदेश पर पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है ।एसपी के आदेशानुसार मंझौल ओपी में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। जिसके बाद मछुआरों ने शुक्रवार की दोपहर भूख हड़ताल समाप्त कर दिया। और दर्ज हुई गबन व धोखाधड़ी की प्राथमिकी :  छौड़ाही प्रखंड मत्स्यजीवी सहयोग समिति लिमिटेड के मंत्री कैलाश साहनी द्वारा के आवेदन पर मंझौल ओपी मे भादवि की धारा 419 एवं 420 के तहत दर्ज प्राथमिकी के अनुसार समिति का दी बेगूसराय सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक शाखा मंझौल में संयुक्त खाता संचालित है। बिहार एवं उड़ीसा सहकारिता एक्ट के अनुसार समिति के खाता संचालन का अधिकार सचिव का है। समिति के सचिव का फर्जी हस्ताक्षर एवं मोहर मारकर समिति के अध्यक्ष अरुण सहनी के लेटर पैड पर दूसरा चेक बुक निर्गत करवा कर समिति के खाते से बीते छह माह में लाखों रुपए निकासी कर गबन कर लिया गया है। जबकि प्रबंध कार्यकारिणी के निर्णय से समिति के सभी कार्य सचिव सह कोषाध्यक्ष द्वारा किया जाता है।

दर्ज प्राथमिकी में कहा गया है कि इस बात को लेकर मुंगेर प्रक्षेत्र के उप मत्स्य निदेशक द्वारा चार माह पहले ही दो दो बार जांच व कार्रवाई हेतु बैंक से आग्रह किया गया। उपनिदेशक ने बैंक शाखा प्रबंधक को भेजे पत्र में कहा था कि यह विषय वस्तु बैंक में हुए गंभीर प्रकृति का अनियमितता परलक्षित होता है। समिति के द्वारा सूचना देने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई बैंक के स्तर से नहीं की गई। जिसके कारण समिति को हानि हो रही है। साथ ही सरकार को मिलने वाला राजस्व अप्राप्त है। बावजूद दी सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक शाखा मंझौल द्वारा समिति के अध्यक्ष अरुण सहनी से दूसरा चेक बुक निर्गत करवाने के संबंध में कारण पृक्षा किए जाने के अलावे किसी तरह की जांच व कार्रवाई नहीं की गई। इससे बैंक प्रबंधन द्वारा समिति के अध्यक्ष अरुण सहनी के मिलीभगत से धोखाधड़ी व गबन करना परिलक्षित हो रहा है। इससे समिति के साथ-साथ सरकार के राजस्व की भी काफी हानि हुई है।

एसपी ने दिया सुरक्षा का भरोसा : शुक्रवार को भूख हड़ताल पर बैठे मछुआरों से पुलिस अधीक्षक ने बातचीत की एवं सुरक्षा का भरोसा दिया। इसके बाद डीएसपी मंझौल ने मछुआरों को कहा कि मंझौल ओपी में गबन एवं धोखाधड़ी की प्राथमिकी दर्ज हो गई है। जिला मत्स्य पदाधिकारी द्वारा पट्टाधारकों की सूची मिलते ही उनको शिकारमाही हेतु सुरक्षा दी जाएगी। इसके बाद भूख हड़ताल पर बैठ मत्स्य सहयोग समिति के नेता कैलाश सहनी, बिंदेश्वरी सहनी, रामपुकार सहनी, शिवजी सहनी, राजा कुमार सहनी, लवकुश सहनी एवं युगल सहनी को जूस पिलाकर भूख हड़ताल समाप्त कराया गया। इस मौके पर जल श्रमिक संघ के महासचिव रामबालक सहनी, सचिव अनिरुद्ध सहनी, मत्स्य जीवी सहयोग समिति लिमिटेड खोदावंदपुर के सचिव चंद्रदेव सहनी, बलिया प्रखंड सचिव गणेश सहनी, मटिहानी प्रखंड सचिव अवधकिशोर सहनी भी मौजूद थे।

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