नेताओं ने कहा की इन चारो संस्थाओं में प्राचार्य कक्ष, कार्यालय खुला मिला, परंतु किसी भी कक्षा में पढ़ाई होते नही देखी गई, इसके लिए मैट्रिक का मूल्यांकन, शिक्षको की कमी, +2 में ऑन लाइन नामांकन के चलते बाहरी छात्रों के नही आने की बाते जिला स्कूल के प्राचार्य द्वारा कही गई है राजकीय संस्कृत उच्च विद्यालय में ना तो कोई शिक्षक नाही कोई छात्र है, राजकीय नवस्थापित जिला स्कूल का भी अपना भवन नही होने तथा दो कमरे में संचालित होने, ग्यारह शिक्षक एवम 150 छात्र की बाते कही गई। राजकीय शिक्षण प्रशिक्षण महाविद्यालय के आलीशान तीन मंजिला भवन में क्लास नही चल रहा था। नेताओं ने इन संस्थानों के प्राचार्य एवम् शिक्षकों से नामांकित छात्रों एवम् अभिभावकों के बीच अभियान चला कर शत प्रतिशत उपस्थिति हेतु काम करने का सलाह दिया, तथा शिक्षको की भी कमी को पूरा करने हेतु स्थानीय शिक्षा विभाग एवम् राज्य सरकार से मांग किया गया है। नेताओं ने सरकार से अविलंब राजकीय संस्कृत उच्च विद्यालय एवम् राजकीय नवस्थापित जिला स्कूल का अपना भवन बनवाने, इन शैक्षणिक संस्थानों के छात्रों के छात्रवृति, पोशाक, सहित मिलने वाली सभी सुविधाएं स समय मुहैया कराने की भी मांग दोहराई गई है
Leave a Reply