सरस्वती पूजा की तैयारी छात्र छात्राओं के द्वारा जोरों पर चल रहा है। प्रखंड क्षेत्र में मूर्तिकार देवी सरस्वती की प्रतिमाओं को तैयार करने में युद्ध स्तर पर जुटे हुए हैं। हालांकि कड़ाके की ठंड कुहासा और धूप ना उगने से उनकी परेशानी बढ़ गई है। बाजार में काफी चहल कदमी बढ़ गई है। मूर्ति कारों ने बताया कि पहले की अपेक्षा वर्तमान में मूर्ति कारों की स्थिति दयनीय है, हालांकि पुरानी परंपरा को आज भी आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं। लेकिन लागत और मेहनत के अनुसार मूर्ति कारों को मुनाफा नहीं मिल पाता है, कभी-कभी ऐसा भी होता है कि मूर्ति निर्माण के बाद उसकी बिक्री नहीं हो पाती है। जिसके कारण अगले वर्ष तक मूर्ति बेचने का इंतजार करना पड़ता है। इस दौरान कई मूर्तियों नष्ट भी हो जाती है। जिसका नुकसान उन्हें वाहन करना पड़ता है। वही मूर्तिकार पोरस मिस्त्री ने बताया कि पूरे वर्ष मूर्ति कारों का काम नहीं मिलता है। जिस कारण अपने परिवार के जीवन यापन के लिए अन्य काम भी करना पड़ता है।
सरस्वती पूजा को लेकर 1 माह पूर्व से मूर्ति बनाने का काम शुरू किया गया है। मालूम हो कि 5 फरवरी को होने वाले सरस्वती पूजा के लिए मूर्तियों की अब अंतिम रूप मूर्तिकारों के दिया जा रहा है। बेलदौर बाजार में मूर्ति का दाम अधिक बताया जा रहा है। जिस कारण ग्रामीणों के द्वारा बाहर से मूर्ति लाने के लिए बयाना तक दे दिया गया।
वही थाना अध्यक्ष संतोष कुमार ने बताया कि बेलदौर प्रखंड क्षेत्र में जहां-जहां सरस्वती की प्रतिमा बैठेगी। वहां के समितियों के द्वारा एसडीओ गोगरी से आदेश लेना पड़ेगा, नहीं तो परेशानी बढ़ सकती है।