नदियों की कटाव से बचने के लिए ग्रामीणों ने की मांग,ईसी बैग।

राजकमल कुमार की रिपोर्ट।

बेलदौर प्रखंड क्षेत्र के बलेठा गांव से सटे कोसी नदी का जलस्तर नीचे गिरने से भीषण कटाव हो रही है। मालूम हो कि बेलदौर प्रखंड क्षेत्र के उसराहा बीपी मंडल सेतु के समीप कोशी एवं बागमती दो नदियों का संगम है। जो उस तेज पानी के बहाव के कारण हर साल सरकार के द्वारा फल्ड फाइटिंग एवं कटाव निरोधक कार्य में करोड़ों रुपए हर साल पानी में बह जाते हैं। वही ग्रामीणों की मांग है कि जो ईसी बैग, बंबू रोल, हाथी पांव, एनसील,प्रकोप पाइन डालकर काम किया जाता है। इससे कटाव थोड़े समय के लिए रुक जाती है, लेकिन बाद में ज्यो का त्यों हो जाता है ।

इससे सरकार के हर साल करोड़ों रुपए बर्बाद हो जाती है । वही ग्रामीणों की मांग है कि सरकार को चाहिए कि हम लोगों को कोसी नदी से हो रही कटाव की रोकथाम के लिए बी ए वायर कैरेक्ट मैं बोल्डर डालकर कट रहे स्थानों पर दिया जाए तो कटाव  पर पूर्ण प्रभावी होगा। वही बलैठा पंचायत नवटोलिया, मुनि टोला वार्ड नंबर 9 एवं 10 तक भीषण कटाव हो रही यह कटाव छठ पूजा से शुरू हुई। जैसे मैं अभी तक करीब 5 एकड़ नदी में किसानों के खेत समा चुके। जल्द से जल्द वहां के ग्रामीणों की मांग है यदि कटाव निरोधक कार्य सही समय पर नहीं किया गया तो बलेठा के जमीनदारी बांध भी कोसी नदी के गर्भ गृह मे समा जायेगा जो कटने के लिए करीब एक सौं मीटर बचा हुआ। उक्त पंचायत के ग्रामीण आशुतोष कुमार झा वार्ड सदस्य दस ,गुंजन झा, पवन झा रामस्वरूप मुनि, राजेंद्र यादव दिलीप कुमार ठाकुर, बैजनाथ मुनि, जितेंद्र यादव, धनंजय कुमार झा ने बताया कि पचाठ गांव के वार्ड नंबर 9 एवं 10 में भीषण कटाव हो रही है। जिसमें किसानों के करीब 15 दिन में कई एकड़ खेत कोसी नदी के गर्भ में समा गया।

ग्रामीणों की माने तो जबसे बीपी मंडल सेतु चालू हुई तब से हम लोग कटाव की मार झेलते आ रहे हैं, कई बार अपने आशियाने को इधर से उधर करना पड़ा। वही बैजनाथ मुनि ने बताया कि करीब 45 वर्षों से कटाव को देखते आ रहे हैं जब से बागमती नदी को सील बंद कर कोसी नदी में मिलाया गया तब से ही हम लोग कटाव से जूझते आ रहे हैं। सरकार को चाहिए हम लोगों को कटाव से निजात दिला दे।

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