बाल दरबार प्रभावी मंच का किया गया आयोजन, बच्चे भी अपने अधिकार का बख़ूबी कर सकेंगे इस्तेमाल।
Santosh Raj
पूर्वी चंपारण :-बिहार सरकार के समाज कल्याण विभाग एवं यूनिसेफ़ द्वारा राष्ट्रीय बाल दिवस (14 नवंबर) से लेकर विश्व बाल दिवस (20 नवंबर) तक चलने वाले बाल अधिकार सप्ताह तक आयोजित किया गया। इस दौरान डीएम कार्यालय में बच्चों के 09 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल की ज़िलाधिकारी कपिल अशोक से मुलाक़ात हुई।
मुलाक़ात के दौरान बच्चों एवं किशोर-किशोरियों ने विगत 14 एवं 16 नवम्बर को आयोजित बाल दरबार में अपनी समस्याओं, मुद्दों व अधिकारों को लेकर तैयार किए गए चार्टर ऑफ़ डिमांड्स और सुझाव सौंपे। संवाद के दौरान मिले बच्चों के सुझावों के आधार पर तैयार किए गए चार्टर ऑफ़ डिमांड्स को बच्चों के प्रतिनिधिमंडल द्वारा ज़िला एवं राज्य स्तर पर संबद्ध अधिकारियों व नीतिनिर्धारकों को सौंपा जाएगा। कोविड महामारी के दौरान बच्चों ने क्या खोया, क्या पाया और उनके लिए एक बेहतर दुनिया कैसे बने, इससे जुड़े सुझावों को भी चार्टर ऑफ़ डिमांड्स में शामिल किया जाएगा।
जिलाधिकारी कपिल अशोक ने राज्य सरकार एवं यूनिसेफ़ की इस अनूठी पहल की सराहना करते हुए कहा कि बच्चों के मूलभूत अधिकारों- जीवन जीने का अधिकार, विकास का अधिकार, संरक्षण का अधिकार, और सहभागिता का अधिकार को पूरा करने हेतु सभी संबंधित विभाग मिलकर प्रयास कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने बच्चों को किताब और खेल सामग्री देकर उनका हौसला भी बढ़ाया।
बता दें कि जनता दरबार की तर्ज़ पर शुरू किए गए इस पहल के ज़रिए बच्चों को एक प्रभावी मंच मुहैया करवाया जा रहा है। जहां वे अपने मुद्दों, समस्याओं और सरोकारों के बारे में आपस में खुलकर चर्चा कर सकें। इसी कड़ी में उन्हें ज़िलास्तरीय जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों से खुलकर संवाद करने का भी मौक़ा मिलेगा।
इस विशेष पहल के उद्देश्य पर रौशनी डालते हुए पटना से समाज कल्याण विभाग के निदेशक राजकुमार ने कहा कि इससे जहाँ विभिन्न सरकारी विभागों को बाल अधिकारों के बारे में जागरूक करने में मदद मिलेगी, वहीं बच्चों से सीधे संवाद कर नीति निर्धारकों को बच्चों एवं किशोर-किशोरियों के मुद्दों और सरोकारों को बेहतर ढंग से जानने-समझने और कारगर योजनाएं बनाने में भी मदद मिलेगी।
मुलाक़ात के दौरान शशिकांत पासवान, धीरज कुमार, राकेश रंजन, राकेश कुमार, हामिद रजा, मनोरंजन मिश्रा, पूजा श्रीवास्तव मौजूद थे