लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा सोमवार 8 नवंबर को नहाय खाय के साथ प्रारंभ हो जाएगी। वही छठ पर्व कार्तिक मास के षष्ठी तिथि को पूरे उत्तर भारत के साथ कई राज्यों में मनाया जाता है।वही 9 तारीख मंगलवार को खरना के साथ 36घंटे मां बहने निर्जला उपवास रखकर सुख समृद्धि तथा संतान की दीर्घायु की कामना सूर्य देव और छठी मैया से आराधना करती है, ओर 10 नवंबर बुधवार को पहली संध्या अर्ग दिया जाएगा। वही 11 नवंबर गुरुवार को सुबह की पहली अर्ग छठ पूजा की समापन हो जाती है। वहीं नहाए खाए कि सुबह छठ व्रती महिलाएं सुबह की बेला में जग कर गंगा स्नान आदि करके सूर्य पूजा के साथ छठ व्रत की शुरुआत करते हैं, इसके बाद चना दाल के साथ कद्दू भात इस सब्जी और चावल की तैयारी की जाती है और इसे ही नहाय खाया जाता है।
इसके साथ ही छठ वर्ती 36 घंटे के निर्जला व्रत को प्रणाम करती है। वही नहाए खाए के साथ छठ व्रती महिलाएं श्रद्धा के साथ व्रत की तैयारी में जुट जाती है। वही घाटों की साफ-सफाई निपाई पुताई एवं सजावट में लग जाते हैं। वही 10 नवंबर बुधवार को छठ मैया के घाटों पर अपने सर पर छठ व्रत की पूजा की सामग्री को लेकर घाट पर चले जाते हैं। जहां छठी मैया को बुधवार को सूर्य अस्त के मेला में छठी मैया को अर्ध्य देते हैं। मालूम हो कि महंगाई की मार से कद्दू का कीमत आसमान छू रहा है।
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