बलवंत चौधरी(सबकी खबर आठों पहर न्यूज रूम)
(बेगूसराय) : छौड़ाही प्रखंड क्षेत्र का राजोपुर गांव ऐजनी पंचायत के अंतर्गत है। गांव में वार्ड नंबर एक से तीन तक में 1600 मतदाता निवास करते हैं। अभी गांव में पंचायत चुनाव की सरगर्मी तेज है। संभावित प्रत्याशी एवं निवर्तमान पंचायत सरकार मतदाताओं से मिल रहे हैं। अपने वादे इरादे भी उन्हें बता रहे हैं। इस सबके बीच ग्रामीणों की अपनी समस्याएं हैं। उन्हें इन समस्याओं के अब तक निराकरण नहीं हो पाने का मलाल है। नल जल योजना में 200 से 500 रुपए प्रति परिवार वसूली कर अभी तक पानी कनेक्शन नहीं देने, जलजमाव से खेती चौपट हो जाने, बेरोजगारी, बिजली आपूर्ति की गंभीर समस्या के समाधान नहीं हो पाने की बात ग्रामीणों ने खुलकर कहा
नल जल योजना।
राम चन्द्र यादव, राम बालक यादव, रामा ठाकुर, पंकज दास, मिश्री राय, लक्ष्मी राय, संदीप कुमार राय, बिजही देवी, अभिषेक अनुराग का कहना था कि वर्ष 2017 एवं 18 में गांव के सभी परिवारों से नल जल योजना के पानी का कनेक्शन देने के लिए 200 से 500 रुपए प्रति परिवार वसूली कर एक रसीद हम लोगों को थमा दिया गया। पैसा वसूली के बाद आज तक पानी का कनेक्शन घर तक नहीं पहुंच पाया है। ग्रामीणों ने रसीद दिखाते हुए बताया कि देखिए रसीद पर मुखिया जी का भी हस्ताक्षर बना हुआ है। अब मुखिया जी कहते हैं कि एक आध वर्ष में पानी का कनेक्शन लग जाएगा। ग्रामीणों का कहना था कि कुछ जगहों पर पानी का सप्लाई पाइप ही नहीं लगाया गया। सड़क को तोड़ कर छोड़ दिया गया। कई जगह सप्लाई पाइप सड़क के ऊपर ही डाल कर छोड़ दिया गया है जो टूट कर बर्बाद हो गया। कई जगह टंकी से पानी सप्लाई होते ही सड़क एवं घर के अंदर पानी रिस कर जमा हो जाता है। हम लोग को शुद्ध पेयजल नसीब नहीं है। कनेक्शन के नाम पर पैसा भी लगा ऊपर से प्रतिदिन 50-100 खर्च करके पीने का पानी खरीद कर लाते हैं।
जलजमाव से खेती चौपट।
मंजू देवी,दानिश आलम, रामकाशी देवी, नितीश कुमार,रामबली पासवान, बालदेव दास, शीला देवी, प्रमिला देवी, ध्यानी दास, आलोक कुमार आदि ग्रामीणों का कहना था कि हम लोग से भी पानी कनेक्शन के नाम पर वसूली कर लिया ।लेकिन आज तक नल जल योजना से एक बूंद पानी नहीं टपक सका। दूसरी तरफ देखिए, घर छोड़कर खेत-बारी झारी तक में जलजमाव है। जल निकासी की व्यवस्था पंचायत सरकार नहीं कर सकी है। हम 1500मतदाता का परिवार अन्न के एक दान
के लिए तरस रहे हैं। कृषि अधिकारी भी हम लोग को देखने तक नहीं आए हैं की फसल बर्बाद होने के बाद यह लोग कैसे भोजन कर रहा है। डीलर के यहां भी राशन लेने में काफी परेशानी होती है। दर्जनों परिवार को राशन नहीं मिलता है। खेती चौपट होने से मजदूरी भी नहीं मिलती है। राशन नहीं मिलने से हम लोग बहुत विकट परिस्थिति में हैं। जलजमाव हम लोगों के लिए काल के समान है। पंचायत सरकार इस दिशा में कोई कार्य नहीं कर सका है। उम्मीद है कि अगले पंचवर्षीय में जलजमाव से ग्रामीणों को मुक्ति मिलेगी।
बदतर है स्वास्थ्य एवं शिक्षा एवं बिजली व्यवस्था।
कल्याण यादव, पंकज दास अमीर यादव, अरविंद यादव, बिपिन यादव, राम सोगारथ यादव, अभिषेक अनुराग आदि ग्रामीण ने बताया कि गांव में एक भी स्वास्थ्य केंद्र नहीं है। बगल के बेंगा गांव में स्वास्थ्य उप केंद्र है।जहां आज तक स्वास्थ्य कर्मी या एएनएम नहीं आती है। सिर्फ पोलियो टीकाकरण में ही वह लोग आते हैं। हम लोग सुदूर गांव में हैं।झोलाछाप चिकित्सक या शहर जाकर इलाज कराने की मजबूरी है। सरकार के स्वास्थ्य सेवा का लाभ हम लोगों को नहीं मिल पाता है। इन ग्रामीणों का कहना था कि पंचायत में एक भी पशु अस्पताल नहीं है। प्रखंड में कौन पशु चिकित्सक पदस्थापित हैं यह भी हम लोग नहीं जानते हैं।पशु भी झोलाछाप चिकित्सक एवं भगवान भरोसे जीवित है। दानिश आलम, पंकज दास आदि ग्रामीणों का कहना था कि गांव के 3 वार्ड में मात्र एक मध्य विद्यालय एवं एक प्राथमिक विद्यालय है। जहां शिक्षकों के आने जाने का कोई समय निर्धारित नहीं है। चौथे वर्ग का छात्र दो का पहाड़ा भी नहीं सीख पाए हैं। ट्यूशन पढ़ाकर बच्चों को आगे बढ़ा रहे हैं। ग्रामीणों का कहना था कि यहां दर्जनों परिवार को बिजली बिल में परेशान किया जाता है। 25, 30 हजार रुपए एक बल्ब और एक पंखा जलाने वाले उपभोक्ता को बिल थमा दिया जाता है। सुधार के नाम पर हजार 500 वसूली किया जाता है। बिजली आपूर्ति भी बदतर स्थिति में है। बिजली जाती है तो आती नहीं है।
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