बलवंत चौधरी (सबकी खबर आठो पहर न्यूज रूम)
(बेगूसराय) : छौड़ाही ओपी क्षेत्र के बड़ीजाना गांव में भारी पुलिस बल की मौजूदगी में गुरुवार को सरकारी जमीन पर बने हनुमान प्रतिमा, तुलसी पौधा एवं अन्य संरचना को प्रशासन ने हटा दिया। इस दौरान हनुमान जी की प्रतिमा पानी में फेंक देने से ग्रामीणों में काफी आक्रोश देखा गया। विरोध कर रहे ग्रामीणों को पुलिस बल ने खदेड़ दिया। मौके पर कई थानों की पुलिस अंचलाधिकारी के नेतृत्व में तैनात था।
मिली जानकारी के अनुसार बड़ी जाना गांव के चौराहे पर सरकारी जमीन में कुछ वर्ष पूर्व ग्रामीणों ने अष्टयाम यज्ञ हेतू मरबा बनाया था। वही एक छोटी हनुमान प्रतिमा भी स्थापित की गई थी। उसी जगह पर अपने आप एक तुलसी पौधा वह पीपल पेड़ भी उग आया था। जिसकी ग्रामीण पूजा-अर्चना कर रहे थे। विगत दिनों बड़ी जाना निवासी मोहम्मद कलाम द्वारा अंचलाधिकारी को दिए गए आवेदन में उक्त जमीन विवादित व निजी होने और इससे शांति व्यवस्था गड़बड़ होने की बात कही गई थी। हालांकि बड़ी जाना निवासी जिस मोहम्मद कलाम के नाम से उक्त आवेदन दिया गया था उस मोहम्मद कलाम ने अंचलाधिकारी छौराही को पुनः आवेदन देकर उनके नाम से ग्रामीण मोहम्मद नसीर द्वारा फर्जी आवेदन देने एवं पहले वाला आवेदन वापस लेने के संबंध में दूसरा आवेदन दिया गया था। इस बीच जमीन की सरकारी अमीन से मापी कराई गई तो सभी संरचना सरकारी जमीन में ही पाई गई।
मौके पर मौजूद अंचलाधिकारी छौड़ाही विजय प्रकाश का कहना था कि नापी में उक्त जमीन सरकारी पाई गई है।इसलिए जमीन पर बने सभी संरचना को हटा दिया गया है। जगह अतिक्रमण मुक्त है और सरकार के कब्जे में है।
दूसरी तरफ अतिक्रमण हटाने के दौरान संरचना गंदे पानी में फेंक देने से ग्रामीणों में काफी आक्रोश देखा गया। ग्रामीण गंगा विशून यादव, अमरेश यादव, सुशील पासवान समेत सैकड़ों ग्रामीणों द्वारा केंद्रीय मंत्री सह सांसद गिरिराज सिंह आदि को भेजे गए आवेदन में कहा है कि गुरुवार को अंचलाधिकारी छौड़ाही विजय प्रकाश सीआई सुरेंद्र कुमार सिंह एवं छौराही ओपी के एके ओझा के नेतृत्व में कई थाने की फोर्स बड़ी जाना गांव पहुंची। उक्त अधिकारी के आदेश पर आम गैरमजरूआ खाता संख्या 428 खेसरा संख्या 241 रकबा एक कट्ठा नौ धूर में स्थापित मरवा, तुलसी पौधा आदि को उखाड़ कर फेंक दिया गया। ग्रामीणों का आरोप है कि इतने पुलिस बल के रहते हुए छौड़ाही ओपी के निजी ड्राइवर द्वारा धार्मिक सरंचना हटाकर गंदे पानी में फेंक दिया गया है। जिससे उन लोगों की धार्मिक भावना को ठेस पहुंची है। आचार संहिता लागू रहने के कारण हम ग्रामीणों शांति पुर्वक विरोध किया तो पुलिस वाले डंडा चला कर हम लोगों को खदेड़ दिया।
आवेदन में ग्रामीणों का स्पष्ट आरोप है कि बड़ी जाना निवासी मोहम्मद नसीर अंचल प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन को घूस देकर उक्त जमीन को कब्जा करना चाहते हैं। इसलिए उक्त जमीन के संबंध में फर्जी आवेदन पर कोई कार्रवाई नहीं कर छौड़ाही अंचल प्रशासन द्वारा मनमाने ढंग से धार्मिक संरचना को हटाकर हम लोगों की भावना आहत की गई है। अगर यह जमीन सरकारी है तो यहां सरकारी सामुदायिक भवन आंगनवाड़ी केंद्र या यात्री शेड का निर्माण करा दिया जाए।