पीएचसी छौड़ाही में कोरोना जांच के दौरान महिला के गले में फंस गया किट, इलाज के बदले भेज दिया गया घर, स्वजन लगा रहे डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप।

बलवंत चौधरी(सबकी खबर आठों पहर न्यूज रूम)

(बेगूसराय) : छौड़ाही पीएचसी स्थित कोरोना जांच केंद्र में चिकित्सकों की लापरवाही से एक महिला की दर्दनाक मौत हो गई। कोरोना जांच के दौरान महिला के गले में कोरोना किट फंस जाने से महिला की मौत आधे घंटे के अंदर ही हो जाने की बात मृतक के स्वजन कह रहे हैं। घटना के बाद पीएचसी के डॉक्टरों ने अपना पल्ला छुड़ाने के लिए मरणासन्न महिला को एक सुई लगा घर भेज दिया। घर पहुंचते ही महिला की मौत हो गई। इसके बाद ग्रामीणों ने काफी बवाल किया। स्वजन पीएचसी प्रभारी पर प्राथमिकी दर्ज कर गिरफ्तार करने की मांग कर रहे हैं। मृतका छौड़ाही ओपी क्षेत्र के शाहपुर पंचायत के वार्ड संख्या छह निवासी राम बहादुर दास की 65 वर्षीया पत्नी जासो देवी हैं।

मृतक महिला के पति रामबहादुर दास ने बताया कि उनकी पत्नी जासो देवी कोरोना टीका लगवाने पीएचसी छौड़ाही गई थी। टीका लगाने से पहले उन्हें कोरोना जांच के लिए भेजा गया। पीएससी कैंपस में कोरोना टेस्ट करने के क्रम में जब महिला के मुंह में किट डाला गया तो रुई और किट गले के अंदर फंसा रह गया। सांस लेने में दिक्कत होने पर मेरी पत्नी बेहोश होकर वहीं गिर गई। इसकी सूचना पीएचसी तुरंत प्रभारी डॉक्टर कमलेश कुमार को दिया गया। डॉक्टर ने आनन-फानन में उनकी पत्नी को एक इंजेक्शन लगा कर बेहोशी हालत में ही बोला यहां से ले जाओ।

मृतका के पति ने रोते बिलखते हुए बताया कि जब अपनी पत्नी का इलाज कर बेहोशी अवस्था दूर करने की गुहार डॉक्टर साहब से लगाए तो उन्होंने धक्के मार कर गाली गलौज करते हुए पीएचसी से जाने को कहा। हम गरीब ठहरे डर के मारे वहां से घर की तरफ चले। उसकी तबीयत बिगड़ती गई। निजी डॉक्टर के यहां ले जाने के क्रम में रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। मृतका के पति का सीधा आरोप था कि डॉक्टर की लापरवाही के कारण उनके पत्नी की दर्दनाक मौत हो गई है।
वहीं मृतका की पुत्री सविता कुमारी ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि हमारी मां पीएचसी छौड़ाही के डाक्टर की लापरवाही के कारण दुनिया से गई है। हमें इंसाफ चाहिए हम डॉक्टर पर केस करने को आवेदन थाना में दे रहे हैं।

दूसरी तरफ, चिकित्सकों की लापरवाही से महिला की मौत एवं स्वजनों के साथ पीएससी प्रभारी द्वारा बदसलूकी की खबर सुन भारी संख्या में ग्रामीण मृतका के घर जमा हो गई। समाजसेवी अनुराग आनंद,संतोष कुमार, किशन कुमार, कुंदन कुमार, तुलसी कुमार, करण कुमार, अमरजीत कुमार, रामस्वरूप दास आदि ग्रामीणों का कहना था कि यह जघन्य अपराध है। लोग इलाज के लिए अस्पताल जाते हैं और अस्पताल के डॉक्टर मौत के घाट उतार कर एक गरीब महिला को जबरदस्ती घर को भेजती है। हम लोग समाज के जितने ग्रामीण और समाजसेवी हैं इस घिनौनी हरकत को बर्दाश्त नहीं करेंगे। ग्रामीण इस बात से भी आक्रोशित थे कि जब स्वजनों ने पीएचसी प्रभारी डॉ कमलेश कुमार के सरकारी मोबाइल नंबर पर संपर्क कर महिला की मौत होने एवं उसकी जांच पड़ताल करने की मांग की गई तो डॉक्टर साहब भड़क उठे।
पीएचसी छौड़ाही के प्रभारी डॉ कमलेश कुमार ने कोरोना टेस्ट के दौरान महिला के गले में कीट फसने एवं महिला की मौत हो जाने की घटना घटित होने से ही इनकार किया। विभिन्न माध्यमों से इस संबंध में जानकारी मिली है। लेकिन, हमारे यहां इस तरह की घटना नहीं हुई है।

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