राजकमल कुमार की रिपोर्ट।
फरकिया के लाल विजय कुमार मिश्र उर्फ मुन्ना का शव पैतृक गांव पहुंचते ही, परिवार समेत प्रखंड क्षेत्र में मातमी सन्नाटा पसर गया। शहीद के पार्थिव शरीर को देखने के लिए बेलदौर प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न विभिन्न गांव के ग्रामीण पहुंचे। वही शव पहुंचते ही उक्त गांव के ग्रामीणों को आंख में आंसू भर गया और कह रहे थे विजय कुमार मिश्र जिंदाबाद, विजय कुमार मिश्र अमर रहे का नाड़ा गूंज रहा था। मालूम हो कि बेलदौर प्रखंड क्षेत्र के बोबील पंचायत के फुलवरिया गांव निवासी आनंदी मिश्र के बड़े पुत्र हेड कांस्टेबल विजय कुमार मिश्र उर्फ मुन्ना असम राज्य के नगांव जिला अंतर्गत सीआरपीएफ 34 बटालियन के पद पर कार्यरत थे। बीते गुरुवार को दो बटालियन के बीच झड़प होने के कारण गोली चल गया, उक्त गोलीकांड में सीआरपीएफ 34 बटालियन के हेड कॉन्स्टेबल विजय कुमार मिश्र को सिर में गोली लगी, जिस कारण उनकी मौत घटनास्थल पर ही हो गया।
उक्त व्यक्ति अपने पीछे 2 पुत्र हर्ष कुमार एवं आदर्श कुमार एक पुत्री आस्था कुमारी समेत पत्नी मंजू देवी को छोड़कर चल बसे। उक्त गांव में जब विजय कुमार मिश्र का शव पहुंचा तो परिजन समेत जनप्रतिनिधि शव को लेने से भाग रहे थे। ग्रामीण समेत जनप्रतिनिधियों का कहना था कि यदि विजय कुमार मिश्र अपने से आत्महत्या किया है तो पोस्टमार्टम रिपोर्ट के साथ शव को क्यों नहीं भेजा। ग्रामीण सीआरपीएफ 34 के बटालियन मुरारी चौधरी ने बताया कि उक्त मामले में हम लोगों को कुछ भी पता नहीं है, लेकिन मेरे जवान शहीद हुए हैं, और इनके साथ कैसे घटना घटी मुझे पता नहीं है।
वही सीआरपीएफ के कमांडेंट मोहम्मद सुवेल खां ने बताया कि सीआपीएफ घाट मुंगेर के आदेशित किया गया की एक डेड बॉडी असम से जा रहा है, उसको आप सम्मान गार्ड ले जाकर पटना एयरपोर्ट से सम्मान पूर्वक उक्त शव को परिजनों तक पहुंचा वे, तब उन्हें सलामी देने के बाद सम्मान पूर्वक वापस लौट जाएं। सिर्फ उक्त पदाधिकारी मीडिया को यही जानकारी दी। आगे कोई जानकारी देने से भाग गए, तब उक्त सबको सम्मान पूर्वक सलामी देने के बाद पंचतत्व में विलीन हो गया।