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लोगों की चचरी पुल पर कट रही जिंदगी, घर से कच्ची सड़क तक है जलजमाव।

बलवंत चौधरी( सबकी खबर आठो पहर न्यूज रूम)

(बेगूसराय) : सात निश्चय योजना के तहत अनुसूचित जाति के बस्तियों में पहले सड़क निर्माण का प्रावधान है। लेकिन, छौड़ाही प्रखंड क्षेत्र में इस प्रावधान का पालन नहीं हो रहा है। जिस कारण इन बस्तियों के लोग निवासी जिल्लत भरी जिंदगी जी रहे हैं। कई दिनों से लगातार बारिश के कारण प्रखंड के मालपुर पंचायत के वार्ड नंबर 10 एवं 11 के अधिकांश घर के बाहर जलजमाव हो गया है। बहियार में बनी कच्ची सड़क भी पानी में डूब गई है ।जिस कारण एक हजार से ज्यादा लोग अपने घरों में कैद होकर रह गए हैं । प्रशासन द्वारा गुहार अनसुनी करने पर अब ग्रामीणों ने मुख्य सड़क तक आने जाने के लिए 300 मीटर लंबा चचरी पुल तैयार कर लिए जिस पर खाना सोना सब हो रहा है। इन लोगों ने सड़क और पुलिया निर्माण हेतु जमीन भी खरीद दी है।
 लेकिन, सिस्टम की बेरुखी से सड़क पुलिया नहीं बन सका है।

अनसुनी हुई फरियाद तो ग्रामीणों ने बना लिया चचरी पुल : मालपुर पंचायत के वार्ड नंबर 10 और 11 की आबादी 1000 से ज्यादा है। उषा देवी, शांति देवी,क्रांति देवी, रीता देवी, कृष्णा पासवान, अमरजीत पासवान, सिकंदर पासवान, श्रीराम पासवान आदि ग्रामीणों का कहना है कि यहां तमाम आबादी अनुसूचित जाति की है। दोनों वार्ड को मृत चंद्रभागा नदी गांव से अलग करती है। बरसात के दिनों में लबालब पानी भर जाता है। अभी भी पानी लबालब भर गया है। जिस कारण हम लोग मुख्यधारा से कट गए हैं। प्रत्येक साल छह महीने हम लोगों की यही स्थिति रहती है। विगत 10 साल से बीडीओ से लेकर डीएम साहब तक यहां सड़क निर्माण कराने की मांग की है। 500 आबादी को मुख्य सड़क से जोड़ने का निर्देश भी राज्य सरकार ने दे रखा है।

सात निश्चय योजना के तहत पहले हम लोगों के बस्तियों में सड़क बनाना था देख लीजिए बना नहीं। प्रखंड के अधिकारी हमारी बातों को नहीं सुनते हैं। इधर काफी बारिश के कारण घर से लेकर सड़क सब डूब गया है। हमेशा बच्चों को खतरा बना रहता है । हम ग्रामीणों ने बैठक कर चंदा एकत्रित किया। फिर बांस बल्ला तार नट बोल्ट आदि खरीद कर ग्रामीणों के श्रमदान से 300 मीटर से ज्यादा लंबा चचरी पुल बना कर तैयार कर लिया है। झोपड़ी में रहने वाले हम गरीब लोग घर में जलजमाव रहने के कारण चचरी पुल पर खाना बनाकर खा रहे हैं।

अभी तक कोई जनप्रतिनिधि या अधिकारी मदद तो छोड़िए देखने तक नहीं आए हैं कि गरीब अनुसूचित जाति के लोग जीवित है या नहीं। हम लोगों ने जमीन मालिक से जमीन पर सड़क बनाने के लिए लिखित समझौता किया हैै। पैसा भी काफी खर्च हुआ है। अब अधिकारी कुछ सुन ही नहीं रहे हैं। स्थानीय जनप्रतिनिधि और अधिकारी अनुसूचित जाति के बस्तियों को देखने तक नहीं जाते हैं। बीडीओ को यहां सात निश्चय योजना क्रियान्वयन की स्थिति का भौतिक सत्यापन कर जल्द से जल्द पुलिया एवं सड़क निर्माण कराना चाहिए।

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