बाल कामगारों से काम करा नहीं दिया मजदूरी, वार्ड सदस्य ने सड़क निर्माण में नाबालिग से कराया था काम,शाहपुर पंचायत का मामला।

 बलवंत चौधरी

(सबकी खबर आठों पहर न्यूज रूम)

 (बेगूसराय) : बाल मजदूरी पूर्णता प्रतिबंध है। बालकों से काम कराने वाले पर प्राथमिकी के साथ-साथ जुर्माना और जेल का भी सख्त प्रविधान है। लेकिन, छौड़ाही प्रखंड क्षेत्र में इस नियम कानून की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही है। छौड़ाही प्रखंड क्षेत्र के शाहपुर पंचायत में वार्ड सदस्य द्वारा सात निश्चय योजना के तहत हुए सड़क निर्माण कार्य में स्कूल में पढ़ने वाले नाबालिक बाल कामगारों से काम करा मजदूरी नहीं देने का मामला प्रकाश में आया है। मजदूरी नहीं मिलने से परेशान बाल मजदूरों ने अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई है।
 इस संदर्भ में शाहपुर पंचायत के वार्ड नंबर एक एवं दो निवासी मध्य विद्यालय मिल्की के पांचवी कक्षा के छात्र छोटू पासवान, लक्ष्मण पासवान, गुलशन पासवान समय एक दर्जन से ज्यादा नाबालिग बच्चों ने बताया कि छह माह पहले शाहपुर पंचायत के वार्ड नंबर दो एवं एक के वार्ड सदस्य चमकलाल पासवान और रंजीत दास उनके मोहल्ले से जाने वाली सड़क निर्माण कार्य में कामगार के रूप में रखा था। उन लोगों से तीन से चार दिन तक सड़क की साफ-सफाई और जंगल हटाने का काम कराया गया। वार्ड सदस्य ने हम सभी बच्चों को ढाई सौ रुपए प्रतिदिन मजदूरी देने का आश्वासन दिया था। लेकिन, चार दिन सभी बच्चों से काम कराकर किसी बच्चे को 100 तो किसी बच्चे को 200 रुपए दे पेमेंट होने पर बांकी रुपए देने की बात कही थी। अब 6 माह बीत चुका है। लेकिन हम बच्चों को काम का मेहनताना नहीं दे रहे हैं।

बाल कामगार की फोटो।
इन बाल कामगारों का कहना है कि हम लोग पढ़ने के साथ-साथ कुछ कमाई कर परिवार का सहयोग करते हैं। जिससे हम अत्यंत गरीब परिवार को दो समय रोटी मिल पाता है। सरकारी काम कराकर हम लोग को पैसाा नहीं मिला तो मुखिया जी से भी शिकायत किए कुछ नहीं हुआ। अधिकारी भी मदद नहीं कर रहे हैं। आश्चर्य है कि सड़क निर्माण कार्य में प्रतिदिन जेई, पंचायत सचिव, मुखिया से बीडीओ तक निरीक्षण करते हैं। लेकिन उनकी नजर इन बाल कामगारों पर नहीं गई।
  इस संदर्भ में बात करने पर वार्ड सदस्य रंजीत दास और चमकलाल पासवान ने नाबालिग बाल कामगारों से सड़क निर्माण कार्य में मजदूरी कराने की बात स्वीकार की है। उन्होंने कहां की सड़क निर्माण में साफ सफाई के लिए इनसे काम कराया गया था। रुपए के अभाव में मजदूरी नहीं दे सके हैं। रुपए मिलते हैं मजदूरी भुगतान कर देंगे। वार्ड सदस्यों ने बताया कि बाल कामगारों से काम नहीं कराने की जानकारी नहीं है।

वार्ड सदस्य रंजीत दास फोटो।

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