बेलदौर प्रखंड के अंचलाधिकारी विदाई ग्रामीणों के द्वारा बाबा फुलेश्वर नाथ मंदिर से किया गया। मालूम हो कि बेलदौर अंचलाधिकारी अमित कुमार बाबा फुलेश्वर नाथ मंदिर अहले सुबह पहुंचकर मंदिर परिसर में मंत्रोच्चारण के साथ मंदिर का परिक्रमा का पूजा पाठ किया गया उसके बाद ग्रामीणों के द्वारा अंचलाधिकारी अमित कुमार का सम्मान समारोह आयोजित कर उनका सम्मान किया गया। वहीं जब ग्रामीणों को संबोधन कर रहे थे तो अंचलाधिकारी अमित कुमार ने बताया कि 3 जुलाई 2018 को बेलदौर में पहला योगदान लिए थे वही 3 वर्षों के कार्यकाल समाप्त होने के बाद जुलाई 2021 में मेरा जिला बदल हो गया है जो मेरा सराहनीय बेलदौर प्रखंड में कार्य रहा सबसे पहला बेलदौर प्रखंड को शौच मुक्त, कोरोना काल के समय में महत्वपूर्ण योगदान, बेला नौबाद एवं पीरनगरा पंचायत के सीमाना पर उलझे विवाद को सुलझा कर सड़क निर्माण कार्य कराया गया उसके बाद पीरनगरा में 42 भूमिहीन परिवारों को बकाया जो अपने कार्यकाल के दौरान एक सौ दो परिवार को पर्चा दिया गया वहीं बेलदौर प्रखंड के प्रखंड परिसर की जमाबंदी नहीं थी जो जिला पदाधिकारी के दिशा निर्देश पर प्रखंड परिसर के नाम से जमाबंदी करवाया, वही बेलदौर के करीब हजारों वर्ष पुराने दर्शनीय स्थल बाबा फुलेश्वर नाथ मंदिर का कोई जमाबंदी नहीं था। जबकि जमींदार के द्वारा उसे दाखिल खारिज करने के लिए दिया गया था उस दाखिल खारिज को रद्द करते हुए ग्रामीण एवं जनप्रतिनिधियों के सहयोग से लेकर ग्राम सभा से आपत्ति पत्र मंगवा कर तब बाबा फुलेश्वर के नाम से मोटेसन तीन बीघा साढ़े कट्ठा जमाबंदी रसीद लगाना काट कर दिया गया । वही कोई भी सार्वजनिक स्थान हो या बाजार हो । तो अंचलाधिकारी अमित कुमार ने बताया की 11 1940 ईस्वी में जमींदारी उन्मूलन हुआ था उस समय हे बिहार सरकार से साहित हो गई थी।
उसी के आधार पर बाबा फुलेश्वर नाथ मंदिर के नाम से जो मंदिर एवं रसीद लगान काट कर दिया गया। वहीं पूरे बेलदौर प्रखंड के ग्राम वासी खुश हो गए हैं क्योंकि उस मंदिर परिसर में कई वर्षों से अधर में लटका हुआ था की पर्यटन स्थल का दर्जा नहीं मिल पा रहा था वहीं अब बाबा फुलेश्वर के नाम से क्या गया हम इस बात को बढ़िया पदाधिकारी के समक्ष रखेंगे कि पर्यटन स्थल का दर्जा मिले। सभा को संबोधन करते हुए कहा था वही ग्रामीण उनकी बातों को सुनकर बहुत खुश हुए वहीं ग्रामीणों ने उन्हें आशीर्वाद दी। बाबा फुलेश्वर नाथ मंदिर के बाबा गुरुप्रसाद ने कहा कि मेरी जिंदगी रहते हुए यह सब काम हो गया हम लोग आशा छोड़ दिए थे कि अब मंदिर परिसर का जमीन बिक्री हो जाएगा वह इस बात कहते हुए सभी ग्रामीण भावविभोर होकर आंख में आंसू छलते हुए बेलदौर बाजार के विभिन्न गलियों से होकर उनकी विदाई सह सम्मान यात्रा बाजार के विभिन्न गलियों होकर निकाली गई वही इस सम्मान यात्रा में सैकड़ों की तादाद में मोटरसाइकिल एवं ग्रामीण बैंड बाजे के साथ विदाई दी गई