कोरोना काल में गर्भवती एवं धात्री महिलायें खानपान का रखें खास ख्याल।

सुभाष राम की रिपोर्ट।
* कुपोषण का सीधा संबंध रोग प्रतिरोधक क्षमता से है।
*कुपोषण से बचने के लिए आहार विविधता आवश्यक है।
मधेपुरा, 20 मई। वैश्विक महामारी कोरोना काल के दौरान गर्भवती एवं धात्री महिलाओं के लिए आवश्यक है कि वे अपने खानपान का खास ख्याल रखें। इस समय उनका उचित पोषण महत्वपूर्ण है। कोरोना काल में गर्भवती सहित धात्री माताओं को कुपोषित होने से बचाने के लिए इनके खानपान में तथा भोजन में आहार विविधता होना जरूरी है। पोषण से भरपूर आहार का सीधा संबंध शरीर की प्रतिरोधक क्षमता से भी  है।  जितनी अधिक आहार विविधता होगी कोरोना सहित अन्य कई प्रकार के रोगों से उनके संक्रमित होने की संभावना उतनी ही कम होगी।

 

इस दौरान जिला पोषण समन्वयक कुमारी अंशु ने यह जानकारी दी और बताया शरीर की  रोग प्रतिरोधक क्षमता का सीधा संबंध कुपोषण से है। यदि गर्भवती एवं धात्री महिलाओं को उचित पोषण मिलता रहेगा तो उनके शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बनी रहेगी और वे किसी प्रकार के संक्रमण का शिकार नही हो पायेंगी। यदि वे इस समय कोरोना से ग्रसित हो जाती हैं तो यह उनके साथ उनके बच्चों पर भी काफी बुरा असर पड़ेगा। इससे बचने के लिए जरूरी है कि गर्भवती एवं धात्री महिलाओं को इस समय पौष्टिक आहार मिले जो आहार विविधता ही उसे पूरा कर सकेगा ।
शिशुओं को नियमित रूप से करायें स्तनपान-
कुमारी अंशु ने धात्री महिलाओं के बारे में कहा शून्य से दो वर्ष तक के शिशुओं के लिए उनकी मां से मिलने वाला दूध उनके पोषण के लिए जरूरी है और ऐसा तभी संभव है जब धात्री महिलाओं को पोषण से भरपूर आहार मिले। जब धात्री महिलाओं को पोषण से भरपूर आहर मिलेगा तभी उनके शरीर में बनने वाला दूध भी शिशुओं को पोषण दे पायेगा।
* अनुपूरक आहार की महत्ता को समझें-
छः माह से शिशुओं के मानसिक एवं शारीरिक विकास के लिए उन्हें अनुपूरक आहार दिया जाना शुरु कर दिया जाता है। छः माह के बाद से शिशुओं के शरीर का विकास तेजी से होने लगता है। ऐसे में उनके शरीर में हो रहे विकास को बनाये रखने और शिशु आगे चलकर स्वस्थ्य किशोर बन सके इसकी आधारशीला यहीं से रखी जाती है। इसलिए छः माह से शिशुओं को दिया जाने वाला अनुपूरक आहार बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि शिशुओं के सम्पूर्ण शारीरिक एवं मानसिक विकास की नींव यहीं पड़ती है।
*इन मानकों का पालन कर कोविड-19 संक्रमण से रहें दूर : -*
– मास्क का उपयोग और शारीरिक दूरी का पालन जारी रखें।
– बारी आने पर निश्चित रूप से वैक्सीनेशन कराएं।
– लक्षण महसूस होने पर कोविड-19 जाँच कराएं।
– लगातार हाथों की साबुन या हेंड वाश लिक्विड से धोएं।
– ऑख, नाक, मुँह छूने से बचें।
– किसी से भी बातचीत करते समय 2 गज की दूरी बना कर ही बात करे।

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